यह पीड़ा नगर के वार्ड 4 में रहने वाले लोहापीटा परिवार की है। इन लोगों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए शासन-प्रशासन को जमकर कोसा । गुरुवार सुबह ये अपने घरों के बाहर महिला एवं बच्चों के साथ बैठे।
इस समुदाय के लोगों ने बताया कि हमारी बस्ती में 80 परिवार रहते हैं जिनके सदस्य कोरोना बीमारी के प्रकोप के चलते मजदूरी पर नहीं जा रहे हैं। वहीं शासन की ओर से मिलने वाला राशन भी एक माह से नहीं मिला है।
लोहापीटा समाज के लोगों ने बताया कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान से हमें एक माह पूर्व राशन मिला था जो पूरा खत्म हो गया। ऐसे में हमारे सामने खाने पीने की समस्या पैदा हो गई है ।
अपने घरों के बाहर बैठे जनु लोहापीटा, मीरा लोहापीटा, बरौली, रेखा, बल्लो, गीता लोहापीटा आदि ने दुखड़ा रोते हुए कहा हम कोरोना बीमारी से तो नहीं मरेंगे लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे । हमारे घर में अनाज नहीं है चार दिन से चूल्हा नहीं जला है।
हमाये घरें आज तक कोउ नहीं आओ भोजन देवे लॉकडाउन को देखते हुए मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। जिसे देखते हुए नगर की कुछ सामाजिक संस्थाएं मजदूर वर्ग के लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही हैं।
राशन के अभाव में भूखे बैठे इन लोहापीटा परिवार के लोगों को किसी भी संस्था ने आज तक भोजन प्रदाय नहीं किया। इस संबंध में जब इनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमाये बच्चे भूखे बैठे हैं चार दिनों से कोउ भी नहीं आओ भोजन देवे ।
जो लोग राशन से वंचित रह गए हैं, ऐसे लोगों को राशन दिलाने की व्यवस्था की जाएगी। किसी भी परिवार को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। केके सिंह गौर, एसडीएम