दमोहPublished: Aug 08, 2019 12:36:02 am
Sanket Shrivastava
स्वस्छ भारत अभियान की हकीकत
14 village toilets visited for poor construction
मडिय़ादो. स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में पात्र हितग्राहियों का चयन कर हितग्रालियों को १२ हजार रुपए की लागत से शौचालय निर्माण कराए गए हैं। लेकिन इसमें भी भ्रष्टाचार कर शासन को चूना लागाया गया। नतीजतन लोग खुले में शौच जाने अभी भी विवश हंै।
गांवों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत सुविधा संपन्न किया जा रहा है। जनपद पंचायत हटा के अंतर्गत अधिकांश ग्राम पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत प्राप्त हुई राशि में जमकर भ्रष्टाचार होना सामने आ रहा है। क्षेत्र के बर्धा, निवास, पाठा,कुपुरा, मलवारा, मादे, बछामा, चौरईया, घोघरा, दामोतिपुरा, डोली, काईखेड़ा, कांटी, कनकतला, मडिय़ादो सहित अधिकांश ग्राम पंचायतों में शौचालयों की स्थिति बेहद खराब है। उक्त ग्राम पंचायतों में निर्माण हुए शौचालयों में किसी के फाटक गायब हंै तो किसी की छत गायब हो चुकी है। परिणाम स्वरूप लोगों को खुले में ही शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों की माने तो पंचायत के सरपंच व निर्माण एजेंसी की मिली भगत से बंदरवाट किया गया है। इसका अंदाजा शौचालयों की हालत देख कर ही लगाया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य एक अनुबंध के तहत पंचायतों के सरपंच सचिव ने ठेकेदार से कराए हैं। ठेकेदार द्वारा बैंक से पैसा आहरण कर शौचालय निर्माण करा दिया जो घटिया निर्माण हुए हंै। इसकी शिकायतों के बाद भी अधिकारी कार्रवाई नहीं करते। परिणाम स्वरूप निर्माण के बाद से ही शौचालय औचित्यहीन साबित हो रहे हंै।
&शौचालय निर्माण में की गई गड़बड़ी कि शिकायत प्राप्त हुई है। शौचालय निर्माण में की गई गड़बड़ी की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद कार्रवाई होगी।
आशीष अग्रवाल, सीईओ हटा।