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19 लाख रुपए पौधरोपण पर खर्च 19 पौधे भी नहीं बने पेड़

locationदमोहPublished: Jan 20, 2022 09:14:16 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

वन विभाग, ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया था पौधरोपण

19 lakh rupees spent on plantation 19 plants did not even become trees

19 lakh rupees spent on plantation 19 plants did not even become trees

दमोह. दमोह जिले में हरियाली लाने के लिए बारिश के दौरान लाखों रुपए खर्च कर पौधरोपण किया जाता है, लेकिन इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी पौधे पेड़ नहीं बन पाते हैं। ऐसा ही मामला शहरी क्षेत्र से लगी ग्राम पंचायत मारूताल में सामने आया है, जहां 19 लाख 11 हजार रुपए की लागत जिसमें मनरेगा, पंचपरमेश्वर मद के अलावा जनसहयोग की राशि से 2020-2021 में पौधरोपण कराया गया था। वर्तमान में यहां 19 पौधे भी ऐसे दिखाई नहीं दिए जो पेड़ बन गए हैं। हर तरफ बड़े पौधे सूखे नजर आ रहे हैं।
हाउसिंग बोर्ड की रानी दमयंती नगर कॉलोनी के सामने हाऊसिंग बोर्ड की जमीन के ऊपरी पहाड़ी को तार फैसिंग से कवर्ड करते हुए सघन पौधरोपण किया गया था। यहां के खसरा नंबर 57 के 6 हेक्टेयर रकवा में वन विभाग द्वारा 6 हजार पौधे रोपे गए थे। इसके साथ ही ग्राम पंचायत मारूताल द्वारा 19 लाख 11 हजार रुपए खर्च किए गए थे। इस पहाड़ी में रोपे गए पौधे आकार भी ले रहे थे क्योंकि यहां पर एक चौकीदार भी तैनात किया गया था, जिसकी सेवा के चलते रोपे गए पौधे 3 से 5 फुट लंबाई लेकर बढ़ रहे थे। लेकिन अचानक ही यहां से चौकीदार हटा दिया गया और इसकी देख रेख बंद कर दी गई। मुख्य गेट खुला होने से मवेशियों का प्रवेश होने लगा। जिससे जो पौधे बढ़ रहे थे, वह मवेशियों द्वारा नष्ट कर दिए गए। पौधरोपण की सिंचाई न होने से हर तरफ सूखे पौधों के झाड़ नजर आ रहे हैं।
दूसरी तरफ का आधा अधूरा गेट
ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा, पंचपरमेश्वर मद की राशि के अलावा जनसहयोग लेकर यहां निर्माण कार्य कराया गया था। जिसमें राजनगर छोर से एक गेट का निर्माण किया जाना था, जिसके आधे अधूरे पिलर भी खड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि यहां वन विभाग व जनसहयोग द्वारा बड़ी राशि दी गई थी, ताकि यहां हरियाली नजर आने लगे। शुरुआती दौर में इस पहाड़ी पर हरियाली दिखाई दे रही थी और पौधे भी बढ़ रहे थे लेकिन देखरेख होने के कारण लगाए गए हजारों पौधे अब पूरी तरह सूख चुके हैं।
बारिश के दिनों तक रहते हरे
दमोह जिले में प्रतिवर्ष हजारों पौधे लगाए जाते हैं, जिसके लिए बड़ी राशि भी खर्च की जाती है, बड़ी संख्या में पौधरोपण के फोटो ग्राफ खिचवाएं जाते हैं नाम पट्टिका लगवाई जाती हैं, लगाए गए पौधे केवल बारिश जारी रहने तक हरे-भरे दिखाई देते हैं, फिर सूखने लगते हैं। जिसका कारण यह है कि दमोह शहर व आसपास जितना भी पौधरोपण कराया गया है, उन पौधों को पेड़ बनने तक उनकी सुरक्षा देखभाल, कटाई छटाईं व दवाओं का प्रबंध नहीं किया जाता है, जिससे दमोह में किए जाना वाला पौधरोपण बारिश के एक दो माह नष्ट हो जाता है।
ग्राम पंचायतों में केवल राशि खर्च
दमोह जिले की जितनी भी ग्राम पंचायतों में पौधरोपण व वनीकरण के नाम पर लाखों रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, सभी जगह की यही स्थिति है। लाखों का पौधरोपण गायब हो गया है, तार फैसिंग, गेट और पानी की टंकियां, विद्युत मोटरें व सिंचाई पाइप गायब हो चुके हैं। जिससे दमोह जिले में पौधरोपण के नाम पर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।
शिकायतों के बाद जांच जारी
ग्राम पंचायतों द्वारा पौधरोपण के नाम पर लाखों खर्च किए गए लेकिन उक्त राशि से एक भी पौधा पेड़ न बनने पर दमोह जिले के सातों जनपद क्षेत्र दमोह, हटा, पथरिया, बटियागढ़, पटेरा, तेंदूखेड़ा व जबेरा में शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। सभी जनपदों के सीइओ का एक ही जवाब है कि शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
 
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