छात्रावास में रहने वाली २९ छात्राओं को डायरिया होने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बुधवार देर रात से उल्टी-दस्त लगने के बाद गुरुवार सुबह वाहन १०८ की मदद से पीडि़त छात्राओं को जिला अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद इलाज चालू है। अभी तक उल्टी-दस्त होने के कारणों का पता नहीं लग सका है। मामले की जांच के आदेश कलेक्टर ने दे दिए हैं। घटना की जानकारी के बाद विधायक राहुल सिंह, एसडीएम रवींद्र चौकसे, जिला शिक्षाधिकारी पीपी सिंह सहित अन्य अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे। जहां पर पीडि़तों से बात की। छात्रावास में रहने वाली १३९ छात्राओं में से २९ छात्राओं को उल्टी-दस्त होने के कारणों का पता नहीं लग सका है। हालांकि छात्रावास में लगे हैंडपंप से पानी पीना पहली वजह मानी जा रही है। लेकिन मामले की जांच कराए जाने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं।
मामले में छात्रावास में पदस्थ वार्डन दीप्ती चौबे ने बताया कि उन्होंने सभी छात्राओं के साथ रात में खाना खाया था। बाद में वह खाद्यान्न लेने के लिए छात्रावास सहायिका तथा सफाइ करने वाली महिला को खाद्यान्न लेने के लिए जाने का कहकर आईं थीं। इसी बीच अचानक सुबह उनके पास बच्चों को उल्टी दस्त होने की जानकारी मिली। जिसके बाद वह स्वयं तुरंत ही ७ बजे के लगभग स्कूल पहुंची और छात्राओं को वाहन १०८ से लेकर जिला अस्पताल पहुंची। अलग-अलग वाहन १०८ में २९ छात्राओं को लाने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
रात में खाया था खाना, की थी फलाहार –
छात्राओं ने बताया कि १३ छात्राएं वृत रखे हुए थीं। जिन्होंने साबू दाना की खिचड़ी खाई थी। अन्य छात्राओं ने आलू, गोबी, टमाटर की सब्जी रोटी व चांवल खाया था। इस समय नवरात्र होने के कारण कई छात्राएं अपने घरों में चली गईं थीं। लेकिन करीब १२५ छात्राएं छात्रावास में ही रह रही थीं। जिसमें फलाहार करने वाली तथा खाना खाना वाली कुल २९ छात्राओं को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।