सरकारी दान दहेज के लिए फिर रचाने पहुंच गए विवाह
दमोहPublished: Jun 17, 2019 09:44:09 pm
अधिकांश के पांव में बिछिया और मांग में दिखे सिंदूर के निशान
308 marriages in the Chief Minister Kanyadan Yojana
नोहटा/ बनवार. इस साल मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मिलने वाले दान दहेज की राशि 51 हजार के लिए जनपद पंचायत, विधायकों, नेताओं की सिफरिशों पर ऐसे विवाह किए जा रहे हैं, जिनके विवाह हो चुके हैं। नोहटा में सोमवार को ऐसा ही कुछ नजारा नजर आया। जिनके विवाह हो चुके थे, वे सरकारी विवाह में पुन: सात फेरों का ढोंग रचा रहे थे। सरकारी आंकड़े बढ़ाने के लिए सब कुछ मौन था, हिंदू विवाह रीति के तहत एक सुहागन के द्वारा किए जाने वाले श्रंगार को नजरअंदाज किया जा रहा था। कुछ जोड़े ऐसे भी नजर आए कि मानों सिर्फ फोटो खिंचवाने की औपचारिकता के लिए ही सीधे मंच पर पहुंच गए थे।
नोहटा हाइस्कूल परिसर नोहलेश्वर मंदिर के पास आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलन में 305 जोड़ों ने हिंदू रीति रिवाज से सात फेरे लिए, वहीं 3 जोड़ों ने निकाह कबूल किया। इस विवाह सम्मेलन में जबेरा जनपद क्षेत्र से 214, पथरिया के 17, हटा के 14, दमोह के 11 पटेरा के 4 व बटियागढ़ के 5, तेंदूखेड़ा के 35 के जोड़ों सहित अन्य जनपदों से भी आठ जोड़े शामिल हुए। आयोजित विवाह सम्मेलन के लिए कुल 331 विवाह के आवेदन जिले भर से आए थे, जिसमें 308 विवाह जोड़ों का पंजीयन हुआ। विवाह के परिणय सूत्र में बंधे जोड़ों को वस्त्रों के साथ आभूषण की किट गिफ्ट में दी गई। सुसज्जित विवाह पंडाल के साथ भोजन की व्यवस्था की गई थी।
वरमाला के बाद, मांग भरने व बिछिया की रस्म
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार विवाह में कन्या जब वरमाला के लिए स्टेज पर आती है तो उसकी मांग में सिंदूर व पांव में बिछिया में नहीं होती है। यह रस्में चढ़ावा, भांवर के दौरान मंडप के नीचे होती हैं, लेकिन विवाह के पूर्व ही मंच पर पहुंचने वाले अधिकांश जोड़े ऐसे नजर आएं कि उनकी साथ आई वधुओं के पांव में बिछिया दिख रही थी। साथ ही कुछ की मांग में सिंदूर के निशान भी दिखाई दे रहे थे जो काफी हल्के तौर पर नजर आ रहे थे। यहां पर कुछ जोड़े ऐसे नजर आए कि मानों औपचारिकता के लिए ही पहुंच गए हों, एक जोड़ा के साथ आई वधू बगैर मेकअप के भी मंच पर नजर आई। जिससे मौजूद लोगों को लग रहा था कि पहले विवाह हो चुके हैं, अब सरकारी दान दहेज के चक्कर में विवाह सम्मेलन में भी सात फेरे लेने पहुंच गए हैं।
समग्र आइडी से मिलान कर जपं देती मंजूरी
जबेरा जनपद सीइओ अवधेश सिंह ने ऑफिसयल टेक्निकल तर्क देते हुए बताया कि हम केवल समग्र पोर्टल पर जाकर उम्र का मिलान करते हैं, कि युवती की उम्र 18 साल व युवक की उम्र 21 साल है। जिसमें अविवाहित दर्ज होता है, तो उसका विवाह के लिए पंजीयन स्वीकृत कर दिया जाता है। यदि किसी की पहले शादी हो चुकी है और यदि ठोस प्रमाण आते हैं, तो उस जोड़े के खाते में शासकीय राशि नहीं डाली जाती है। राशि सभी का परीक्षण करने के बाद ही दी जाती है।
ऐसे होता है खेल
सरकारी विवाह में शामिल होने वाले ऐसे जोड़े जिनके विवाह कुछ माह पहले ही होते हैं, वह समग्र पोर्टल पर अप ग्रेडशन नहीं कराते हैं। जिससे वह पोर्टल पर अविवाहित ही नजर आते हैं। जिसका फायदा सरकारी शादी में भी उठा लिया जाता है।
इनकी रही मौजूदगी
जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी, पूर्व विधायक प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री दशरथ सिंह लोधी, भावसिंह लोधी, जनपद अध्यक्ष जबेरा भगवती बाई लोधी, रूपेश सेन, राजेश सिंघई, साहब सिंह यादव, रूपनारायण मिश्रा, विनोद राय, मनदीप यादव, संयोजक सचिन मोदी, सरपंच संघ अध्यक्ष रामप्रसाद राय, सचिव संघ अध्यक्ष अनूप जैन, भागचंद यादव, मानवेंद्र सिंह, अनुराग नेमा,परषोत्तम राय, संदीप यादव, उमेश यादव, शैलेन्द्र जैन, गोविंदा राय, नितिन, अनिल रैकवार, जपं सीइओ अवधेश सिंह, बीडीओ अश्विनी पाठक, थाना प्रभारी सुधीर कुमार बैगी जनपद के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।