दमोह

सातवां अंतर राष्ट्रीय योग दिवस

सुबह की सैर के साथ योग को अपनाए हैं दमोहवासी

दमोहJun 20, 2021 / 11:29 pm

Rajesh Kumar Pandey

Yoga Day

दमोह. सातवां अंतर राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन सोमवार को सुबह 6.30 बजे से 7.45 तक किया जाएगा। कोरोना काल के कारण सामूहिक कार्यक्रम तो आयोजित नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन सरकारी तौर पर आयुष विभाग की समस्त संस्थाओं में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा भाजपा भी समस्त मंडल में दो-दो जगह कार्यक्रम आयोजित करेगी।
भले ही 7 साल से योग को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन दमोह शहर में पिछले 30 से 40 सालों से योग को अपनाया जा रहा है। योग को अपनाने कार्य सबसे पहले सुबह की सैर पर नियमित जाने वाले डॉ. रघुनंदन चिले व डॉ. केदारनाथ शर्मा ने शुरू की। इस दौरान सुबह 4 बजे से 5 बजे के बीच सुबह की सैर करने वालों को हल्की योग की क्रियाओं के साथ ही सूर्य नमस्कार प्राणयाम, अनुलोम विलोम कराया जाता है। इन बुजुर्गों की देखा देखी करते हुए युवा भी योग के कई स्टेप से जुडऩे लगे। सैर या दौड़ के बाद योग की क्रियाओं को अपना रहे हैं। इसके अलावा सर्किट हाऊस पहाड़ी दूरदर्शन केंद्र के पास एक योग वाटिका विकसित की गई है। बेलाताल टापू व बड़ी देवी मंदिर में गायत्री एक्यूप्रेशर पार्क में नियमित योग की क्लासें लग रही हैं। इसके अलावा आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा भी शहर में क्लासें लगा रही हैं। जिससे दमोह शहर के लोग किसी न किसी रूप से योग से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
संत शिवोहम महाराज को थी योग सिद्धि
बुजुर्ग के अनुसार योग सीतानगर के मढ़कोलेश्वर में संत शिवोहम महाराज थे, जिन्होंने यौगिक क्रियाओं और तपोवल से कई यौगिक क्रियाओं में सिद्धि प्राप्त कर ली थी। कई बुजुर्गों का दावा है कि जब मढ़कोलेश्वर में सुनार व कोपरा के संगम पर नदी बाढ़ पर हुआ करती थी तब लोगों ने दोनों आई नदियों के बीच शिवोहम महाराज को घंटों खड़े रहकर साधना करते हुए अपनी आंखों से देखा है। इनके बाद यहां संत मौनी बाबा हुए जिनका देहवसान अभी कुछ माह पूर्व ही हुआ है, उन्होंने भी योग के तपोबल से कई सिद्धियां अर्जित की थी। सीतानगर के सैकड़ों लोगों ने महाराज को योग तपोबल से जमीन से उठते हुए देखा है।
योग एक साधना है
योग शिक्षक प्रशांत असाटी कहते हैं कि योग एक तप साधना और पूजा है। जो शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही आपके दिमाग को खाली रखती है। जिसमें अनर्गल विचार रूपी कचरा नहीं रहता है। नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है और व्यक्ति सकारात्मक हो जाता है। योग साधना, ध्यान से कई सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं। प्राचीन ऋषि मुनि के साथ पूजा पाठ के पूर्व भी योग क्रियाओं में अनुलोम-विलोम का जिक्र मिलता है। जिससे योग सदियों से हमारा अभिन्न अंग रहा है, जिसे आधुनिकता की होड़ या दौड़ में हमने भुला दिया है। अंतर राष्ट्रीय स्तर पर योग पहुंचा है। जिसके बाद ही योग दिवस की शुरूआत की गई है। वर्तमान में दौर में योग से लोग जुड़ रहे हैं।
केंद्रीय विद्यालय ऑनलाइन करा रहा योग
योग दिवस से पूर्व ही केंद्रीय विद्यालय 10 जून से लगातार अपने स्कूल के विद्यार्थियों को योग की क्लासें सुबह से आयोजित कर रहा है। जिसमें योग से लोग जुड़ रहे हैं। विद्यालय का मानना है कि घर में बैठे बच्चों में मोबाइल के कारण अनेक मनोविकार आ गए हैं, स्वास्थ्य पर भी असर हो रहा है, जिससे उन्हें योग से जोड़ा जा रहा है।
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