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दमोह

बरपटी सायलों में लग गई 8 किमी लंबी ट्रैक्टरों की कतार,धूप में तप रहे किसान

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4 years ago
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प्रदेश को कृषि कर्मण अवार्ड दिलाने वाले दमोह जिले के अन्नदाताओं ने रिकार्ड गेहूं का उत्पादन किया है। किसानों के लिए सुलभ खरीदी के लिए सायलो केंद्र की स्थापना की गई है, लेकिन इस साल सायलो में कभी 2 किमी तो कभी 5 किमी लंबी लाइन के बाद 8 किमी लंबी लाइन दिखाई दी।

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यहां कतार में लगे प्रत्येक किसान का कहना था कि सायलो में व्यवस्थाएं नहीं होने से तुलाई नहीं हो पा रही है। जिससे उन्हें कई दिनों तक ट्रैक्टर या ट्रॉली के नीचे गुजारना पड़ रहे हैं।

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19 समिति केंद्र की खरीदी हो रही दमोह के बरपटी सायलो केंद्र पर 19 सहकारी समितियों के 12 हजार किसान पंजीकृत हैं। इस केंद्र का सबसे बड़ा दायरा होने के कारण अभी भी यहां के अधिकांश किसानों के मैसेज नहीं पहुंचे हैं। सहकारी समितियों में समर्थन खरीदी का समय 25 मई है, जिससे किसानों को लग रहा है कि अब उनका गेहूं नहीं तुल पाएगा, जिससे किसान बगैर मैसेज के ही पहुंच गए हैं। जिससे ट्रैक्टर ट्रालियों की कतार लंबी हो गई है।

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अव्यवस्थाओं के कारण लगी कतारें भारतीय किसान संघ के मीडिया प्रभारी राममिलन पटेल का आरोप है कि बरपटी सायलो में शुरुआती दौर से ही अव्यवस्थाओं का दौर चलता रहा है। यहां तुलाई में कम समय लगना चाहिए। लेकिन विलंब किया जाता रहा है। इसके अलावा भोपाल से आने वाले मैसेज भेजने में भी गड़बड़ी बरती गई है। किसानों तक सही जानकारी नहीं भिजवाई गई है। इसके अलावा कलेक्टर तरुण राठी द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किए हैं, लेकिन कलेक्टर के निर्देशों की सूचना किसानों तक नहीं पहुंच पाई है, जिससे किसानों के मन में भ्रम की स्थिति बनने से अधिकांश किसान बगैर मैसेज के ही सायलो पहुंच गए हैं।

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चलती रहेगी सायलो में खरीदी कलेक्टर तरुण राठी ने पिछले सप्ताह ही निर्देश जारी किए थे कि सायलो में खरीदी तब तक चलती रहेगी, जब तक पंजीकृत किसान शेष रह जाते हैं। किसानों की लंबी कतारें देखते हुए कलेक्टर ने 30 मई तक खरीदी की तिथि बढ़ा दी है, इसके अलावा सायलो प्रबंधकों के साथ बैठक में निर्देशित किया है कि यदि इसके बाद भी किसान शेष रहते हैं तो 5 मई तक गेहूं की खरीदी की जाए। --------------- किसानों को कर दिया भ्रमित कतार में लगे अनेक किसानों ने साफगोई से बताया कि उनके मैसेज नहीं आए हैं, वह अपने रिश्तेदारों के मैसेज पर उपज जमा करने आए हैं, क्योंकि उन्हें गांव में किसी ने बताया कि शासन 25 मई के बाद खरीदी नहीं करेगा। तारीख बढऩे की सूचना भी उन तक नहीं पहुंच पाई जिससे पिछले पांच दिनों से कतार लगाए हुए खड़े हैं। ------------ तपती ट्रॉली के नीचे आराम शुक्रवार को तापमान 43 डिग्री से अधिक बताया जा रहा था। इस दौरान किसान अपने गर्म ट्रैक्टर टॉलियों के नीचे आराम कर रहे थे। लंबी लगी कतार में इनके खाने पीने की व्यवस्था नहीं थी। सायलो में व्यवस्थाएं की गईं, लेकिन लंबी कतारों में लगे किसानों के लिए व्यवस्था नहीं थी। रात में अंधेरा रहने से अनाज की चोरी के साथ ट्रैक्टर की बैटरी चोरी होने की घटनाएं होने से किसानों को सुरक्षा भी नहीं मिल रही है। -- वर्जन किसानों में भ्रम की स्थिति बन गई है, जिससे 25 मई अंतिम तिथि मानकर ऐसे किसान भी लाइन में लग गए हैं, जिन्हें मैसेज नहीं मिले हैं, जबकि कलेक्टर के निर्देश हैं कि जब तक पंजीकृत किसान शेष रहते हैं, तब तक खरीदी की जाए। अभी 75 प्रतिशत किसानों से खरीदी की जा चुकी है, शेष 25 प्रतिशत किसानों की पूरी उपज ली जाएगी, अंतिम तिथि 30 मई हैं, जो आगे भी बढ़ सकती है। जितेंद्र पटेल, प्रबंधक, बरपटी सायलो

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