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जिला अधिवक्ता संघ के लिए हुआ 92 प्रतिशत मतदान

locationदमोहPublished: Sep 08, 2021 08:38:38 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

मतगणना होगी आज, नई कार्यकारिणी होगी गठित

92 percent voting for District Advocates Association

92 percent voting for District Advocates Association

दमोह. दमोह जिला सत्र न्यायालय के अधिवक्ता संघ के चुनाव के लिए बुधवार को 92 प्रतिशत मतदान हुआ। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक हुए मतदान में अधिवक्ताओं के बीच विभिन्न पदों के उम्मीदवार अपने-अपने पक्ष में वोट के लिए आखिरी समय तक समर्थन जुटाते रहे।
दमोह जिला अधिवक्ता संघ के सभी पदों के लिए इस बार मुकाबला आमने-सामने का ही रहा। प्रत्येक पद के लिए दो उम्मीदवार ही मैदान में डटे हुए थे। अधिवक्ता संघ के 475 वोटर हैं, जिनमें से 431 ने मतदान किया। कुल 92 प्रतिशत वोट डाले गए।
चुनाव मैदान में अध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने का मुकाबला वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश मेहता व युवा अधिवक्ता रविकांत ठाकुर के बीच चल रहा था। उपाध्यक्ष पद के लिए डीसी खरे व मुकेश पांडेय आमने-सामने थे। वहीं सचिव पद के लिए कौशलेंद्र पाडेंय व रमेश श्रीवास्तव एक दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे हैं। कोषाध्यक्ष पद के लिए अब्दुल जहीर कुरैशी व कपिल सिंह हजारी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पुस्तकालय प्रभारी के पद के लिए रविंद्र सोनी व श्याम बिहारी में आमने सामने मुकाबला चल रहा था। सह सचिव पद के लिए दिलीप सिंह ठाकुर व हेमंत पांडेय की सीधी टक्कर हो रही थी। चुनाव प्रक्रिया मुख्य निर्वाचन अधिकारी मुरारी खरे, सहायक निर्वाचन अधिकारी मनीष नगाइच व संदीप बरदिया के साथ 15 अधिवक्ताओं के मतदान दल द्वारा कराई गई। शाम 5.30 बजे सभी मतदान पेटी सील कर दी गई। गुरुवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच मतगणना कराई जाकर चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।
सैलवाड़ा सरपंच के रिक्त पद के लिए हुआ चुनाव
ग्राम पंचायत सैलवाड़ा में बुधवार को हुए सरपंच के चुनाव में निर्विरोध रूप से सियारानी गौंड़ को सरपंच चुना गया है। ग्राम पंचायत सैलवाड़ा की आदिवासी सीट सरपंच के लिए आरक्षित थी। इसके अंतर्गत उजियार सिंह को जनता द्वारा 2015 में सरपंच चुना गया था। 21 मार्च 2019 को उजियार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके कारण यह सीट उसी समय से रिक्त थी। गांव के उपसरपच भागचंद साहू को जनपद के आदेश के तहत ग्राम पंचायत का प्रभार सौंपा था। कोरोना काल के कारण चुनाव नहीं हो सकता था। जबकि नियम अनुसार इस सीट पर आदिवासी का हक था। इसी वर्ग के पंच को ग्राम प्रधान बनना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ग्राम पंचायत का प्रभार साहू के पास था। जनपद के आदेश के तहत अब ग्राम पंचायत के 20 पंचों में ही ग्राम प्रधान चुना जाना था। साथ ही ग्राम प्रधान केवल आदिवासी वर्ग का ही होगा। इस ग्राम पंचायत में आदिवासी वर्ग से 3 महिला पंच हैं। दो पुरुष पंच हैं चुनाव कराने के पीठासीन अधिकारी अजय ललित खलको के निर्देशन में संपूर्ण कार्रवाई सचिव कमल नारायण यादव द्वारा की गई इस दौरान नगर निरीक्षक बीएल चौधरी सहित पुलिस अमला मौजूद था।
 
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