नहीं माने ‘बाबा जी –
मामले में डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया का कहना है कि वह लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं। शुरू से ही बीजेपी से जुड़े रहे। इसके बाद भी उनके साथ कुछ लोगों द्वारा षडयंत्र रचा जाता रहा। यही कारण है कि उन्होंने षडयंत्र रचने वालों के खिलाफ चुनाव लडऩे का मन बनाया है और उन्होंने दमोह व पथरिया से नामांकन दाखिल कर चुनाव लडऩे का फैसला किया है। कुसमरिया ने बताया कि उनके निवास पर शुक्रवार सुबह जयंत मलैया आए थे। जिन्होंने चुनाव न लडऩे की बात कही थी। लेकिन उन्होंने दो टूक मना कर दिया था। इस बीच जिला पंचायत के अध्यक्ष शिवचरण पटैल भी मौजूद थे। जाते समय जयंत मलैया का चेहरा तमतमाया हुआ दिखाई दे रहा था। जाते समय कुसमरिया उन्हें बाहर छोडऩे तक नहीं आए।
मामले में डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया का कहना है कि वह लंबे समय से राजनीति कर रहे हैं। शुरू से ही बीजेपी से जुड़े रहे। इसके बाद भी उनके साथ कुछ लोगों द्वारा षडयंत्र रचा जाता रहा। यही कारण है कि उन्होंने षडयंत्र रचने वालों के खिलाफ चुनाव लडऩे का मन बनाया है और उन्होंने दमोह व पथरिया से नामांकन दाखिल कर चुनाव लडऩे का फैसला किया है। कुसमरिया ने बताया कि उनके निवास पर शुक्रवार सुबह जयंत मलैया आए थे। जिन्होंने चुनाव न लडऩे की बात कही थी। लेकिन उन्होंने दो टूक मना कर दिया था। इस बीच जिला पंचायत के अध्यक्ष शिवचरण पटैल भी मौजूद थे। जाते समय जयंत मलैया का चेहरा तमतमाया हुआ दिखाई दे रहा था। जाते समय कुसमरिया उन्हें बाहर छोडऩे तक नहीं आए।