जिले में कोरोना वायरस को लेकर सेंपलिंग लगातार बढ़ रही है। लेकिन सेंपल की जांच बहुत धीमी है। जिले में कोरोना की जांच के लिए मार्च के महीने में रोजाना सेंपल की औसत संख्या एक.दो थी। जो लगातार बढ़ते.बढ़ते इस समय रोजाना औसत सेंपलिंग आधा सैकड़ा हो गई। लेकिन सेंपल की जांच में तेजी नहीं लायी गई। अभी जिला अस्पताल में जांच के लिए एक ही मशीन है। जबकि जिले में सेंपलिंग के हिसाब से दो मशीनों की जरूरत है।
कोरोना की जांच के लिए जिले भर से लिए गए सेंपल में से लगभग ७० फीसदी सेंपल सागर भेजे जा रहे हैं। ३० फीसदी सेंपल की जांच जिला अस्पताल में संभव हो रही है। जांच के लिए सागर भेजे जाने वाले सेंपल्स की रिपोर्ट प्राप्त होने में औसतन तीन से चार दिन लग रहे हैं। जानकारी अनुसार कई बार तो रिपोर्ट एक सप्ताह तक लेट हुई है। जिससे पॉजिटिव पाए गए मरीजों की रिपोर्ट आने के पहले तक उनका इलाज संदिग्ध मानकर किया जाता है। लेकिन रिपोर्ट मिलने पर वह पॉजिटिव रहे। इस समस्या को खत्म करने के लिए जानकारों द्वारा जिला अस्पताल में दो मशीनों की जरूरत बताई जा रही है।
एक मशीन की कीमत करीब 15 लाख
इस समय जिला अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच के लिए टूर्अंट मशीन स्थापित है। इसकी कीमत करीब 15 लाख रुपए बताई जा रही है। कोरोना वायरस की जांच के लिए टूर्अंट मशीन की तमाम खासियत हैं। इस मशीन से जांच रिपोर्ट एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। जबकि आरटी पीसीआर मशीन में एक सेंपल कि रिपोर्ट में 06 से 08 घंटे का समय लगता है। इस समय जिला अस्पताल में एक ही टूर्अंट मशीन है। लेकिन एक मशीन और उपलब्ध होने पर व्यवस्थाओं में काफी सुधार आ जाएगा।
वर्जन
कोरोना की जांच के लिए एक मशीन ही जिला अस्पताल को मिली है। जांच के लिए यदि एक मशीन की और उपलब्धता होती है, तो जांच में तेजी आएगी और रिपोर्ट दोगुनी हो जाएंगी।
डॉ. दिवाकर पटेल, जिला अस्पताल दमोह