मामले में रैंजर निरंजन सिंह ने बताया है कि बाघ सोमवार की सुबह नजर आने के बाद से अब तक दल सदस्यों को नहीं मिला है, यह नहीं कहा जा सकता है कि अभी वह कहां है। बाघ पर नजर रखने के लिए तेंदूखेड़ा, तारादेही व झापन रैंज की अलग अलग तीन टीमों का गठन कर दिया गया है। दल सदस्यों को निर्देश दिए हैं कि बाघ किसी भी स्थिति में रहवासी क्षेत्र में प्रवेश ना कर पाए।
इधर बाघ की मौजूदगी ने लोगों को दहशत में डाल रखा है। कई गांव के लोग बाघ की वजह से दहशतजदा हैं।
तहसील क्षेत्र के सुहेला, सोमखेड़ा गांव में एक व्यस्क बाघ को घूमता हुआ देखा गया है। बाघ की मौजूदगी रहवासी क्षेत्र से सटकर होने की वजह से जहां ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है तो वहीं दूसरी ओर लोगों की सुरक्षा व्यवस्था अधिकारियों ने जिले की सीमा में फंसा रखा है। बाघ दमोह तहसील क्षेत्र में इस बात की पुष्टि नौरादेही अभयारण्य के अधिकारी कर रहे हैं तो वहीं दमोह वन विभाग के अधिकारी बाघ की मौजूदगी नौरादेही क्षेत्र में होने की बात कह रहे हैं। मामले में एक और खासबात यह है कि दमोह वन विभाग के पास बाघ को काबू में लाने संबंधी कोई व्यवस्था नहीं है।
ग्रामीणों में खौफ
बाघ की मौजूदगी गांव से सटकर है यह खबर आग की तरह फैली और अब सुहेला, सोमखेड़ा, दोहली सहित आसपास के एक दर्जन गांव में लोग दहशतजदा बने हुए हैं। सुहेला सरपंच कल्याण सिंह ने बताया है कि बाघ गांव के समीप ही है। गुरूवार की शाम से बाघ इसी इलाके में घूम रहा है। कल्याण सिंह ने कहा है कि बाघ शुक्रवार की दोपहर दोहली क्षेत्र में है। दोपहर में बाघ को इमलिया घाट के आगे वन विभाग के बेरियल से करीब एक किलोमीटर दूरी पर देखा गया है। जहां बाघ बना हुआ है वहीं से सटकर गांव लगे हुए हैं। मामले में सोमखेड़ा सरपंच प्रतिनिधि ने बताया है कि झरया मुढ़ेरी में एक भारी भरकम बाघ को सैकड़ों लोगों ने घूमते हुए देखा है। बाघ इसके पहले कभी ऐसे खुले में घूमते हुए यहां नजर नहीं आया।