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लोकसभा चुनाव के पहले इस भाजपा प्रत्याशी पर थाने में प्रकरण दर्ज, यह है मामला

locationदमोहPublished: Mar 29, 2019 01:09:41 pm

Submitted by:

Samved Jain

भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रह चुके है यह, आगे की जांच करेगी पुलिस

लोकसभा चुनाव के पहले इस भाजपा प्रत्याशी पर थाने में प्रकरण दर्ज, यह है मामला

लोकसभा चुनाव के पहले इस भाजपा प्रत्याशी पर थाने में प्रकरण दर्ज, यह है मामला

दमोह. लोकसभा दमोह से भाजपा के घोषित प्रत्याशी सांसद प्रहलाद पटैल के विरुद्ध सिटी कोतवाली में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए अपराध दर्ज कर लिया गया है। उनके विरुद्ध यह कार्रवाई दमोह लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद पत्रकारों को वह पुस्तक बांटने पर हुई है, जिसमें मुद्रक का नाम, पता और संख्या का प्रकाशन नहीं था। मामले की खबर पत्रिका ने 27 मार्च को शीर्षक ‘सांसद के प्रतिवेदन से मुद्रक का नाम-पता गायब, बढ़ सकती हैं मुश्किलेंÓ से प्रकाशित की थी। जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज सिंह ने संज्ञान में लेते हुए जांच एफएसटी को सौंपी थी। अब मामले में पुलिस जांच करेगी।
सिटी कोतवाली प्रभारी आरके गौतम ने बताया कि एफएसटी दमोह विधानसभा 55 प्रभारी ताराचंद पिता यशवंतराव खोवरागढ़े की रिपोर्ट पर सांसद प्रहलाद सिंह पटैल पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127(ए) का उल्लंघन पाए जाने पर प्रकरण दर्ज किया गया है। यह असंज्ञेय अपराध सीजेएम की अनुमति लेने के बाद दर्ज किया गया है। मामले में अब पुलिस जांच करेगी। जिसमें अनेक बिंदु रहेंगे।
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क्या है 127(ए) का उल्लंघन
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम संबंधी प्रमुख कानूनी प्रावधान की धारा 127 (ए) कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पुस्तिका, पोस्टर को मुखपृष्ठ पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना प्रकाशित नहीं करेगा और न ही करवायेगा। इस धारा का अपराध 6 माह तक के कारावास तथा 2000 रूपये या दोनो के जुर्माने से दण्डनीय है।

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सांसद ने जांच के दौरा क्या कहा
पुलिस ने जिस जांच प्रतिवेदन पर सांसद प्रहलाद पटैल के विरुद्ध 127ए के तहत प्रकरण दर्ज किया है। उसमें सांसद ने एफएसटी प्रभारी को बताया यह पुस्तक अगस्त 2018 में प्रभात प्रकाशन नईदिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया था। जिसकी 2000 प्रतियां प्रकाशित की गईं थी, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रेषित किया गया था। उन्होंने 24 मार्च को आयोजित पत्रकार वार्ता में भी इस पुस्तक का वितरण करने की बात कही है। सांसद के इस बयान के बाद ही जिला निर्वाचन टीम अंतिम निर्णय पर पहुंची और सांसद प्रहलाद पटैल द्वारा प्रकाशित पुस्तक में प्रकाशक, मुद्रक का नाम, संख्या और संपादित करने वाले व्यक्ति का न होने और आचार संहिता के दौरान इसका वितरण करना पाया गया था। जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127ए का उल्लंघन है।

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अब पुलिस करेगी आगे की जांच
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए सीजेएम की अनुमति पर सांसद के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हो चुका है। अब मामले में पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी। जिसमें पुस्तक का प्रकाशन कहां से किया गया, प्रकाशन के समय प्रकाशन के नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया, प्रकाशन का उद्देश्य, बिना मुद्रक के नाम, पता, संख्या डाले प्रिंटिंग प्रेस द्वारा पुस्तक का प्रकाशन क्यों और कैसे किया गया, कोई राजनैतिक कारण जैसे बिषयों पर अब पुलिस जांच करेगी। जांच के अलग-अलग प्रतिवेदन पर प्रकरण तैयार होंगे।

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ऐसे सामने आया पूरा मामला

दमोह. दमोह लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी घोषित किए गए सांसद प्रहलाद पटैल द्वारा बांटी गई 54 पेज की प्रतिवेदन दमोह लोकसभा क्षेत्र नामक पुस्तिका में से मुद्रक, प्रकाशक के नाम और पता गायब है। इस विज्ञापन पुस्तिका की कितनी प्रतियां प्रकाशित की गईं, इसका भी उल्लेख नहीं है। पुस्तक को संपादित करने वाले का भी नाम नहीं है। चुनाव आचार संहिता के समय वितरित कराई गईं इस पुस्तिका के अंदर केवल सांसद की उपलब्धियों का बखान है, जिसे विज्ञापन की श्रेणी में रखा जा सकता है। कांग्रेस ने ऐसी पुस्तक की शिकायत करने की बात कही है। कलेक्टर ने भी इसे आचार संहिता सहित पुस्तक प्रकाशन नियम का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई की बात कही है।दरअसल, भाजपा द्वारा दमोह लोकसभा से प्रत्याशी घोषित किए जाने के दूसरे दिन रविवार को सांसद प्रहलाद पटैल दमोह पहुंचे थे। उन्होंने एक पत्रकार वार्ता का आयोजन भी किया था। सांसद निवास पर हुई वार्ता के दौरान पत्रकारों को एक पुस्तक वितरित की गई। इसका शीर्षक प्रतिवेदन दमोह लोकसभा क्षेत्र है। इस पुस्तक को पत्रकारों को क्यों दिया गया, इसका उल्लेख पूरी वार्ता में नहीं किया गया, लेकिन पुस्तक को पढऩे के बाद इसे विज्ञापन पुस्तिका कहा जा सकता है। जो आचार संहिता के दौरान बांट दी गई। हालांकि, आचार संहिता के उल्लंघन की बात सामने आने के बाद संसदीय क्षेत्र मीडिया प्रभारी इसे पूर्व प्रकाशन बताते नजर आए, लेकिन प्रकाशक के नाम, पता की बात पर कुछ जवाब नहीं दे पाए।

प्रिंटिंग पर क्या कहते हैं आचार संहिता नियम
– किसी भी प्रकार का पोस्टर, पंपलेट, पुस्तक सहित अन्य प्रकाशन बिना मुद्रक के नाम, पता, संख्या के प्रकाशित नहीं जा सकती। न ही आचार संहिता के दौरान ऐसी कोई वस्तु का वितरण किया जा सकता है, जिस पर प्रत्याशी, किसी पार्टी, सिंबल से संबंधित प्रचार जैसी सामग्री अंकित हो।
– विज्ञापन सहित सभी मुद्रित सामग्री में प्रेस या प्रकाशक का नाम और पता प्रतियों की संख्या और प्रभारित धनराशि का उल्लेख होगा और इसे तत्काल जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाएगा।
– प्रिंट मीडिया में विज्ञापन, लोक प्रतिनिधित्व, अधिनियम 1951 की धारा 127 क के दायरे में आएंगे।
-मुद्रित सामग्री की प्रति और प्रकाशक की ओर से घोषणा प्रिंटर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी जाएगी।

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कांग्रेस ने उठाएगी पुस्तक की जांच की मांग
इधर गुरुवार को जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पत्रिका के सवाल पर कांग्रेस ने पुस्तक की भी जांच कराने की मांग की बात कही। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि सांसद द्वारा वितरित की गई पुस्तक, जिसमें मुद्रक का नाम,पता, संख्या तक नहीं है। यह आचार संहिता का उल्लंघन है। पुस्तक में मुद्रक का नाम प्रकाशित न कराना ही सांसद की मंशा को व्यक्त करता है। साथ ही पुस्तक में प्रकाशित तथ्यों की सत्यता पर भी सवाल उठना चाहिए। 54 पृष्ठों में प्रकाशित इन सभी कार्यों की जांच प्रशासन से कराने कांग्रेस मांग उठाएंगी। उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम बांदकपुर के कार्यों पर भी सवाल उठाए। साथ ही सांसद की कार्यप्रणाली पर भी। इस दौरान उन्होंने दमोह से कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा २ अप्रैल तक होने की बात कही। इसके पूर्व मीडिया समन्वयक सागर संभाग संजय सिंह ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी द्वारा घोषित की गई न्याय योजना का बखान किया और उसकी महत्वता को बताया। इस दौरान उन्होंने कमलनाथ के प्रॉमिस का बखान भी वह करते नजर आए। इस मौके पर अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

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