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Big News सांसद की उपलब्धियों का आचार संहिता से कनेक्शन,चुनाव आयोग ले सकता है एक्शन

locationदमोहPublished: Mar 26, 2019 06:34:47 pm

Submitted by:

Samved Jain

-जानिए क्या है मामला

Big News सांसद की उपलब्धियों का आचार संहिता से कनेक्शन,चुनाव आयोग ले सकता है एक्शन

Big News सांसद की उपलब्धियों का आचार संहिता से कनेक्शन,चुनाव आयोग ले सकता है एक्शन

दमोह. दमोह लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी घोषित किए गए सांसद प्रहलाद पटैल द्वारा बांटी गई 54 पेज की प्रतिवेदन दमोह लोकसभा क्षेत्र नामक पुस्तिका में से मुद्रक, प्रकाशक के नाम और पता गायब है। इस विज्ञापन पुस्तिका की कितनी प्रतियां प्रकाशित की गईं, इसका भी उल्लेख नहीं है। पुस्तक को संपादित करने वाले का भी नाम नहीं है। चुनाव आचार संहिता के समय वितरित कराई गईं इस पुस्तिका के अंदर केवल सांसद की उपलब्धियों का बखान है, जिसे विज्ञापन की श्रेणी में रखा जा सकता है। कांग्रेस ने ऐसी पुस्तक की शिकायत करने की बात कही है। कलेक्टर ने भी इसे आचार संहिता सहित पुस्तक प्रकाशन नियम का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई की बात कही है।
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दरअसल, भाजपा द्वारा दमोह लोकसभा से प्रत्याशी घोषित किए जाने के दूसरे दिन रविवार को सांसद प्रहलाद पटैल दमोह पहुंचे थे। उन्होंने एक पत्रकार वार्ता का आयोजन भी किया था। सांसद निवास पर हुई वार्ता के दौरान पत्रकारों को एक पुस्तक वितरित की गई। इसका शीर्षक प्रतिवेदन दमोह लोकसभा क्षेत्र है। इस पुस्तक को पत्रकारों को क्यों दिया गया, इसका उल्लेख पूरी वार्ता में नहीं किया गया, लेकिन पुस्तक को पढ़ने के बाद इसे विज्ञापन पुस्तिका कहा जा सकता है। जो आचार संहिता के दौरान बांट दी गई। हालांकि, आचार संहिता के उल्लंघन की बात सामने आने के बाद संसदीय क्षेत्र मीडिया प्रभारी इसे पूर्व प्रकाशन बताते नजर आए, लेकिन प्रकाशक के नाम, पता की बात पर कुछ जवाब नहीं दे पाए।
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प्रिंटिंग पर क्या कहते हैं आचार संहिता नियम


– किसी भी प्रकार का पोस्टर, पंपलेट, पुस्तक सहित अन्य प्रकाशन बिना मुद्रक के नाम, पता, संख्या के प्रकाशित नहीं जा सकती। न ही आचार संहिता के दौरान ऐसी कोई वस्तु का वितरण किया जा सकता है, जिस पर प्रत्याशी, किसी पार्टी, सिंबल से संबंधित प्रचार जैसी सामग्री अंकित हो।
– विज्ञापन सहित सभी मुद्रित सामग्री में प्रेस या प्रकाशक का नाम और पता प्रतियों की संख्या और प्रभारित धनराशि का उल्लेख होगा और इसे तत्काल जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाएगा।
– प्रिंट मीडिया में विज्ञापन, लोक प्रतिनिधित्व, अधिनियम 1951 की धारा 127 क के दायरे में आएंगे।
-मुद्रित सामग्री की प्रति और प्रकाशक की ओर से घोषणा प्रिंटर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी जाएगी।
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कार्रवाई होनी चाहिए

आदर्श आचार संहिता के तहत स्पष्ट है कि पंपलेट, पुस्तक, पोस्टर आदि के प्रकाशन में मुद्रक का नाम, पता, संख्या का प्रकाशन आवश्यक है। आप तो सांसद हैं अधिक जानकारी होना चाहिए। इसके बावजूद भी ऐसा क्यों नहीं कराया गया और वितरित की जा रही है, यह सोचनीय है। कांग्रेस इसकी शिकायत करेगी। कार्रवाई होना चाहिए।
अजय टंडन, जिला कांग्रेस अध्यक्ष दमोह

मैंने मना किया था कि ये पुस्तकें वितरित नहीं कराइए। यह 8-9 महीने पहले प्रकाशित की गईं थीं, जिसे प्रधानमंत्री को प्रस्तुत करना था। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को देना था। मुद्रक, प्रकाशक का नाम नहीं है। इस पर चर्चा करता हूं। मैंने पत्रकारों को देने से मना किया था।
प्रहलाद पटैल, घोषित भाजपा प्रत्याशी दमोह लोकसभा

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चुनाव आदर्श आचार संहिता के दौरान अगर किसी भी प्रकार के ऐसे प्रकाशन का वितरण किया जाता है, जिसमें मुद्रक का नाम, स्थल, संख्या सहित अन्य बिंदु न हो, जिसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है। अगर ऐसी पुस्तकें वितरण की गईं है तो 127 ए के तहत उल्लंघन का प्रकरण बनता है।
– नीरज सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी दमोह

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