जिले के बकेनी गांव में वन विभाग की टीम ने शनिवार को उस समय कार्रवाई की, जब एक घर में काले हिरण का शिकार कर उसका मांस पकाया जा रहा था। ८ घंटे चली कार्रवाई में पुलिस ने एक आरोपी भूपसिंह को काले हिरण का मांस व हथियार के साथ गिरफ्तार किया है, लेकिन इस घटनाक्रम में वन अमले की कार्रवाई संदेह के घेरे में है।
इन्होंने की कार्रवाई
कार्रवाई के दौरान वन विभाग की टीम में रेंजर के अलावा वनपाल राधेश्याम श्रीवास्तव, असगर खान, संजय, हरिशंकर, विकास श्रीवास्तव, प्रतिभा त्रिपाठी, आकांक्षा विश्वकर्मा, नीतू अहिरवार व एसएफ १५ बटालियन के सुरेश दुबे, कपिल शर्मा शामिल रहे।
इसलिए संदेह के घेरे में है कार्रवाई
सवाल 01: कार्रवाई पर सवालिया निशान इसलिए खड़े हो रहे हैं क्योंकि वन विभाग ने पूर्व सरपंच अमान सिंह व उसके बेटे बलराम उर्फ बल्लू को आरोपी ही नहीं बनाया है, जहां इनके घर में हिरण का मांस पक रहा था। साथ ही वे लोग भी कार्रवाई की जद से बाहर हैं, जिनके घर से हिरण के अन्य अवशेष बरामद किए गए हैं।
सवाल02 कार्रवाई के लिए पहुंचे रेंजर बीएस सिकरवार ने दोपहर में जानकारी दी थी कि शिकार में आधा दर्जन से अधिक आरोपी शामिल हैं लेकिन शाम को एक ही आरोपी की गिरफ्तारी बताई गई। है। ये तथ्य अमले की कार्रवाई को संदेह के घेरे में लाता है।
सवाल 03 : बकेनी निवासी पूर्व सरपंच अमान सिंह के घर से वन अमले ने मांस व सींग बरामद करने की बात सामने आ रही है। वहीं छापरी मार्ग पर एक खेत में बनी टपरिया से पैर बरामद करने की जानकारी है। साथ ही ग्रामीण निरपत सिंह का नाम भी आरोपियों के रूप में सामने आया था लेकिन उसे कार्रवाई की जद में नहीं लिया गया।
सवाल 04 : इस पूरे घटनाक्रम को हाईप्रोफाइल बताया जा रहा है, क्योंकि बकेनी व उसके आसपास सत्तारूढ़ दल के कुछ जनप्रतिनिधियों को खासा दखल है। सूत्रों के मुताबिक इसलिए वन अमला आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि पूर्व में शिकार में तीन पुलिसकर्मी भी इसमें शामिल होना बताए जा रहे थे।
सवाल 05: शिकारियों पर कार्रवाई के दौरान वन अमले ने आरोपी कोंदूलाल पटेल के घर से दो सागौन की लकड़ी तो बरामद कर लीं लेकिन उस पर शिकार की घटना में कार्रवाई नहीं की, जबकि जिस स्थान से लकड़ी बरामद की गई, वहीं से पुलिस ने हिरण के पैर बरामद किए थे।
रेंजर बीएस सिकरवार से बातचीत
रिपोर्टर: किस स्थान पर और क्या कार्रवाई की गई है?
रेंजर: काले हिरण के शिकार होने की सूचना पर बकेनी में कार्रवाई की गई है, मौके से हथियार, काले हिरण का मांस, सींग, पैर बरामद किए गए हैं।
रिपोर्टर: कितने आरोपी मामले में शामिल हैं?
रेंजर: मामले में तीन आरोपियों को ट्रेस किया गया है, मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो चुका है।
रिपोर्टर: क्या मामले में पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं?
रेंजर: पुलिस कर्मचारियों के शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है, शंका सामने आई थी?
रिपोर्टर: बंदूक कहां से बरामद हुई है?
रेंजर: बंदूक की जब्ती व आरोपी का आज खुलासा कर दिया जाएगा, तलाश जारी है?
काले हिरण का शिकार बारह बोर की रायफल से किया गया है। मामले में पुलिस ने एक आरोपी और उसके पास से मांस व हथियार जब्त किए हैं। शिकार में उपयोग की गई रायफल व आरोपी को पकड़ा जाना अभी शेष है।
बीएस सिकरवार, रेंजर
सेक्शन-1 में संरक्षित प्राणी है काला हिरण
काले हिरण को टाइगर, बाघ जैसे वन्य जीवों की श्रेणी में सेक्शन एक के तहत संरक्षित प्राणी घोषित किया गया है। काला हिरण भी देश का एक संरक्षित प्राणी है। इसके शिकार पर सख्त प्रतिबंध एवं कड़ा कानून भी बनाया गया है।
आपके लिए यह जानना जरूरी
काला हिरण या कृष्णमृग बहुसिंगा प्रजाति का जीव है। यह मूलत: भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है। यह राजस्थान का राज्य जानवर है। मादा हल्के भूरे रंग की होती है, जबकि नर में ऊपरी शरीर का रंग काला होता है। निचले शरीर का रंग सफेद होता है। इसका वजन २६ से ३५ किलो तक होता है।इसके सींग पेंचदार होते हैं और इनकी लंबाई ७९ सेमी तक हो सकती है। राजस्थान के बिश्नोई लोग इसके संरक्षण के लिए जाने जाते हैं। यहां के किसान इसे बहुत सम्मान देते हैं। काले हिरण को संरक्षित जीवों की श्रेणी में रखा गया है।