रामबाई ने कहा कि अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर उनसे कई बार शिकायत की और कई बार लिखित रूप से भी दिया उसके बावजूद भी काम नहीं हुआ। अफसरों के साथ-साथ मैंने व्यक्तिगत रूप से मिलकर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से शिकायत की लेकिन काम नहीं हुआ। दूसरे लोग भी कहते हैं कि वो काम पर ध्यान नहीं देते हैं। ये भी उनके साथ समस्या है।
वहीं, सीएम कमलनाथ को लेकर रामबाई ने कहा कि अगर मैं उनसे शिकायत करती तो वह काम को तुरंत करवाते। लेकिन हर चीज के लिए सीएम के पास जाऊं तो फिर मंत्री लोग किस काम के लिए हैं। इसीलिए मैंने पहले मंत्री से शिकायत की। ऐसे में हर जनप्रतिनिधि की जवाबदेही बनती है कि वह जनता की काम को करें। उन्हें लोगों की समस्याओं के मुकरना नहीं चाहिए। लेकिन यहां मंत्री की लापरवाही है।
गौरतलब है कि रामबाई दमोह के पथरिया जिले के रहने वाले हैं। वह अधिकारियों को भी बीच-बीच में हड़काती रहती हैं। कई बार मुखर होकर सरकार के मंत्रियों के खिलाफ वह आवाज उठाती रही हैं। हालांकि वह मंत्री नहीं बनाए जाने की वजह से भी नाराज हैं। लेकिन खुलकर कहती रही हैं कि वह कमलनाथ की सरकार के साथ ही रहेंगे।
पति की वजह से भी विवादों में रहीं रामबाई
दरअसल, विधायक रामबाई के पति देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के आरोपी हैं। पिछले दिनों वह रामबाई के साथ विधानसभा पहुंच गए थे। जिसपर काफी बवाल हुआ था। बाद में पुलिस ने रामबाई के पति का नाम हटा दिया था। अभी हाल ही में उन्होंने दमोह जेल के जेलर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। गृह मंत्री बाला बच्चन से मिलकर रामबाई ने जेलर के तबादले की मांग की थी। उन्होंने जेलर पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था। जबकि जेलर का कहना था कि रामबाई के देवर धमकी देते हैं।
दरअसल, विधायक रामबाई के पति देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के आरोपी हैं। पिछले दिनों वह रामबाई के साथ विधानसभा पहुंच गए थे। जिसपर काफी बवाल हुआ था। बाद में पुलिस ने रामबाई के पति का नाम हटा दिया था। अभी हाल ही में उन्होंने दमोह जेल के जेलर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। गृह मंत्री बाला बच्चन से मिलकर रामबाई ने जेलर के तबादले की मांग की थी। उन्होंने जेलर पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था। जबकि जेलर का कहना था कि रामबाई के देवर धमकी देते हैं।