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महिला जैसे नाम का लाभ उठाकर आरोपी ने हाइकोर्ट से मंजूर करा ली अग्रिम जमानत

locationदमोहPublished: May 23, 2023 08:14:34 pm

Submitted by:

Atul sharma

तेंदूखेड़ा थाना का पेपर लीक मामला, मामले से जुड़े चार आरोपी जेल में तो कुछ फरार

महिला जैसे नाम का लाभ उठाकर आरोपी ने हाइकोर्ट से मंजूर करा ली अग्रिम जमानत

पुलिस थाना तेंदूखेड़ा

दमोह. तेंदूखेड़ा थाने में पंजीकृत पेपर लीक मामले के मुकदमे में उच्च न्यायालय से एक आरोपी की अग्रिम जमानत मंजूर की गई है। महिला के नाम से मिलते जुलते नाम के कारण न्यायालय में गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए। महिला के आधार पर उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। उच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद अब पुलिस परेशान है। पुलिस का कहना है कि मुकदमे में पंजीकृत आरोपी पुरुष है जबकि उसे महिला बताया गया है।
यह है अदालत का आदेश

तेंदूखेड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी अपराध संख्या 121/2023 दिनांक 20 मार्च 2023 के संबंध में फरार आरोपी पूनम सिंह गोंड की दायर प्रथम जमानत याचिका पर निर्णय देते हुए हाइकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता पूनम सिंह गोंड को तीस हजार रुपए के निजी मुचलका पर रिहा कर दिया जाए। यहां कोर्ट ने आरोपी की जमानत को लेकर प्रस्तुत तर्कों के आधार महिला माना है, जिसका उल्लेख भी आदेश में किया गया है। यह आदेश १५ मई २०२३ को जारी हुआ है। इस संबंध में तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी बीएल चौधरी का कहना है कि अभी उक्त आरोपी पुलिस रिकार्ड में फरार चल रहा है।
ये है मामला
दो माह पहले माशिम बोर्ड के द्वारा आयोजित कक्षा दसवीं के विज्ञान पेपर लीक मामले में तेंदूखेड़ा थाना पुलिस ने १० आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है, जो अभी पुलिस विवेचना में चल रहा है। मामले से जुड़े चार आरोपियों को पुलिस द्वारा एफआइआर के कुछ समय बाद ही गिरफ्तार किया था, जिन्हे न्यायालयीन आदेश पर जेल भेज दिया गया था। पुलिस को शेष आरोपियों की तलाश है। इनमें से एक आरोपी पूनम सिंह गोंड भी हैं, जिनकी अग्रिम जमानत याचिका पर १५ मई को कोर्ट द्वारा सुनवाई किया जाना सामने आया है। इनके विरूद्ध पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 120 बी और 201, मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त अधिनियम 1937 की धारा 3ए/4, 3बी4, परीक्षा अधिनियम की धारा 3/4, 1982 और धारा 66 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
हाइकोर्ट के आदेश का सम्मान किया जाएगा। साथ ही आरोपी को लेकर आदेश संबंधी, जो तथ्य बताया जा रहा है उसे क्लियर करवाएंगे।
राकेश सिंह, एसपी दमोह
यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। निर्णय में तथ्य संबंधी त्रुटि के लिए न्यायालय अपने आदेश को पलट सकता है।

एड. मनीष नगाइच, कानून विशेषज्ञ
आदेश का अवलोकन करने से यह बात सामने आ रही है कि पिटीशन दायर करने वाले ने कोर्ट को गुमराह किया है।
अरविंद शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता

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