उपकाशी की कला को सरहद पार कैंसे भेजे नहीं सूझ रहा कलाकार को
दमोहPublished: Sep 13, 2019 10:29:43 pm
अब कलेक्टर के यहां आवेदन देकर मांग रहा है मार्गदर्शन
Can’t send the art across the border to the artist
हटा. हटा नगर का एक युवा चित्रकार की बनाई हुई पेटिंग विदेश में पसंद की जाने लगी है और वहां से डिमांड भी आ रही है, लेकिन सरहद पार वह अपनी कला को किस माध्यम से भेजे वह सूझ नहीं रहा है, हालांकि इस उलझन से निकलते हुए उसने कलेक्टर को भी एक आवेदन देने का मन बनाया है।
हटा निवासी रवि सोनी को बचपन से पोट्रेट बनाने का शौक है, उनकी बनाई गई पोट्रेट की प्रदर्शनी लग चुकी है, जैन धर्म आचार्यश्री विद्यासागर, अजबश्री जै-जै सरकार, संत गुलाब बाबा, पं. देव प्रभाकर शास्त्री, रावतपुरा सरकार की पोट्रेट के अलावा देवी-देवताओं व प्राकृतिक सीनरी को अपनी कला से प्रदर्शित कर चुके हैं। उन्होंने अपने फेसबुक एकाउंट पर अपनी बनाई हुई पोट्रेट डाली है। जो सरहद पार पसंद की जाने लगी है। इनके फेसबुक फ्रेंड कैलीफोर्निया के ली फ्रेंक वरगस रवि की चित्रकला से काफी प्रभावित हैं उन्होंने अपने विदेशी पहनावे, संस्कृति को लेकर कुछ पोटे्रट बनवाने की इच्छा जाहिर की है।
अब चित्रकार रवि सोनी के सामने सरहद पार पोट्रेट भेजने की समस्या आ गई है, क्योंकि भारत से कोई भी वस्तु निर्यात करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि उसकी कई सरकारी पेचीदगी हैं, जिसमें छोटे सामान भेजने के लिए काफी समस्याएं है। रवि सोनी को अंग्रेजी नहीं आती है, इसलिए वह अपने विदेशी मित्र की बात हटा में अंग्रेजी जानने वाले अपने परिचितों से बात कराता है, ट्रांसलेटर का साथ लेकर रवि अपने विदेशी मित्र को अपनी कलाकारी का नमूना भेजने के लिए प्रयासरत है, वह इस संबंध में कलेक्टर के यहां भी एक आवेदन प्रस्तुत करने का मन बना रहा है।
बचपन के शौक से बन रही विशेष पहचान
रवि सोनी को बचपन से ही चित्रकारी का शौक था, लेकिन इस चित्रकारी पर घरवालों की डांट पड़ती थी। स्कूल कॉपियों पर चित्रकारी करने की कई वार टीचरों की डांट पड़ी। जैसे-जैसे बड़े होने लगे ईश्वरीय देन चित्रकला में भी निखार आता गया। 1998 में पहला व्यक्तिगत पोट्रेट बनाया तो फस्र्ट इंप्रेशन लास्ट इंप्रेशन की तर्ज पर सराहना हुई, अभी तक पांच हजार से अधिक पेटिंग बना चुके हैं। वर्ष 2016 में भोपाल में चातुर्मास के दौरान हबीबगंज जैन मंदिर में आचार्य विद्यासागर महाराज के 11 चित्र की प्रदर्शनी लगाई थी।