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शून्य प्रतिशत ब्याज के दावे हो रहे खोखले साबित

locationदमोहPublished: Jun 14, 2018 01:28:56 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

किसानों को लग रहा भारी भरकम ब्याज, आम आदमी पार्टी नेताओं ने किया खुलासा

Claiming zero percent interest proves hollow

Claiming zero percent interest proves hollow

दमोह. किसानों के लिए एक साल के अंदर किसान के्रडिट कार्ड पर शून्य प्रतिशत ब्याज करने देने के दावे खोखले साबित हो रहे है। यह खुलासा जबेरा आम आदमी पार्टी के नेता बसंत राय व किशोर नामदेव अपने ही किसान क्रेडिट कार्डों की पासबुकों का हवाला देते हुए खुलासा किया है।
आम आदमी पार्टी के विधानसभा प्रभारी बसंत राय व मीडिया प्रभारी किशोर नामदेव स्वयं किसान हैं। जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंक से खेती के लिए ऋण लिया, लेकिन साल भर के अंदर जमा करने की जो नीति बनाई गई है, उसमें कोई भी किसान इस पर खरा नहीं उतर रहा है, जिससे उससे भारी भरकम ब्याज वसूला जा रहा है। दोनों नेताओं ने किसी दूसरे किसान का उदाहरण न देते हुए स्वयं की पासबुक के आधार पर यह दावा किया है कि भाजपा सरकार की शून्य प्रतिशत योजना केवल भाषणों के में लोकलुभावन है, जमीनी स्तर पर किसानों से छल रही है। किसान की रबी सीजन की फसल अप्रैल में आती है, इसके बाद समर्थन मूल्य में खरीदी के बाद जून माह में उसे रुपया मिलता है, इस बीच किसान को डिफाल्टर घोषित कर उससे सूदखोरों जैसा ब्याज बैंक वसूल रहे हैं।
किसान किशोर नामदेव ने बताया कि उसने केसीसी पर 31 हजार 268 रुपए ऋण लिए गए थे। अब उसे 45 हजार 645 रुपए भरने पड़ेंगे। इस तरह उसे 14 हजार 377 रुपए ब्याज के जमा करने होगे। क्योंकि शासन की नीतियों की वजह से उसकी फसल का उसे समय पर दाम नहीं मिला और चक्रवृद्धि ब्याज लग रहा है। इतना ही नहीं ब्याज के नाम पर व फसल के नाम पर पहले ही जमा राशि से करीब 15 हजार रुपए काट लिए गए हैं।
किसान बसंत राय का कहना है कि उन्होंने 1 लाख 70 हजार रुपए का ऋण लिया था। जिसका ब्याज मिलाकर उन्हें कुल 1 लाख 99 हजार 146 रुपए जमा करना है। जिसमें उन्हें कुल 29 हजार 141 रुपए लग रहे हैं। वहीं 15 जून तक समाधान योजना सहकारी बैंकों में चलाई जा रही है, जब किसानों के खातों में बेची गई उपज का रुपया आना शुरू हुआ और वह इस योजना का लाभ लेना चाह रहे हैं तो पता चला रहा है कि 15 जून तक ही बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।
बुधवार को दोनों आप नेताओं ने तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित अन्य जगह ज्ञापन सौंपते हुए सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत दर्ज कराई है। किसान बसंत राय का कहना है कि सरकार किसानों के लाभकारी कर्ज माफी व स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू इसलिए नहीं करा रही है, क्योंकि वह किसानों से सूदखोरों जैसा वसूल उन्हें डिफाल्टर घोषित कराकर कर रही है। अभी भी कई किसानों को बेची गई उपज की राशि नहीं मिली है। उक्त राशि बैंक के माध्यम से आनी है, पहले बैंक अपना ब्याज सहित मूलधन वापस लेगी फिर बचा-खुचा किसान के हाथ में देगी। जिससे किसान को फिर खेती के लिए सूदखोरों के साथ केसीसी पर ऋण लेना पड़ेगा और उसकी खून पसीने की कमाई ब्याज चुकाने में चली जाएगी।
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