दरअसल रेलवे स्टेशन के समीप से ही पूरे शहर के गंदे पानी निकासी का बड़ा नाला निकला हुआ है, जो यहां से होते हुए करौंदिया नाला में मिलता है। पिछले दो दिनों से इस नाले की सफाई कराई जा रही है। बताया जा रहा है कि रेल प्रशासन अपने व्यय पर यह जीर्णशीर्ण नाले का निर्माण करा रहा है, जिसके पूर्व सफाई कराई जा रही है। नाले के एक ओर रेलवे क्वार्टर दूसरी ओर नगरीय क्षेत्र है, सालों बाद हो रही सफाई के बाद निकाले जा रहे कीचड़ को ट्रैक्टर-ट्रॉली में इस तरह भरकर ले जाया जा रहा है कि पूरी सड़क बिन बारिश के कीचड़ से सन गई है। जब भी ट्रैक्टर ट्रॉलियां निकल रहीं हैं तो आसपास के रहवासियों के अलावा रेलवे स्टेशन जाने वाले यात्रियों को दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है।
कीचड़ से बीमारियों का खतरा वार्डवासी विजय जैन, राजू बुधवानी, रजनीश जैन, विंशु जैन, तरुण शिवहरे व रूपचंद जैन ने इस तरह लापरवाही पूर्व सड़कों में बिखराते हुए कीचड़ फिकवाने पर चिंता जाहिर की है। इनका कहना है
कि रेलवे स्टेशन से लेकर स्टेशन चौक तक कई खान पान के अलावा चाट के ठेले लगते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, इस तरह खुले में बदबूदार कीचड़ ले जाने से बदबू वातावरण में फैल रही है, फिर यही कीचड़ धूल बनकर आसपास की दुकानों में रखी खाद्य सामग्री पर बैठ रही है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
रेलवे प्रशासन नहीं रख रहा ख्याल स्थानीय लोगों का कहना है कि रेल प्रशासन जहां रेलवे स्टेशन परिसर व रेल गाडिय़ों में यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रखता है, वह कीचड़ निकालने में शहरवासियों के अलावा स्टेशन से बाहर निकलने वाले यात्रियों का ख्याल नहीं रख रहा है। जिस पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। हालांकि रेल प्रशासन से पहुंचे अधिकारियों ने इसका समाधान निकालने की बात कही है।
वर्जन रेलवे द्वारा नाला की सफाई कराकर नाले का निर्माण किया जा रहा है। रेल प्रबंधन को यदि कीचड़ फैंकने के लिए सुरक्षित संसाधन की डिमांड करता है तो उसे संसाधन उपलब्ध करा दिए जाएंगे। कपिल खरे, सीएमओ नपा दमोह