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दमोह शहर बनता जा रहा आवारा खूंखार कुत्तों का गढ़

locationदमोहPublished: Nov 04, 2022 04:54:49 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

छोटे बछड़ों का कर रहे शिकार, लोगों के ऊपर कर रहे हमला
 

Damoh city is becoming a stronghold of stray dogs

Damoh city is becoming a stronghold of stray dogs

दमोह. दमोह में इस समय हर गली व मोहल्ला में आवारा कुत्तों के झुंड दिखाई दे जाते हैं। गली में दरवाजे पर एक रोटी के लिए बैठने वाले यह जब अपनी जमात में रात में एकत्रित होते हैं तो वह खूखांर हो जाते हैं, कॉलोनी क्षेत्र में छोटे बछड़ों का शिकार कर रहे हैं और लोगों का पीछा कर उन पर हमला कर रहे हैं। रात में इनके हिसंक होने से जहां मवेशियों को खतरा बढ़ रहा है, वहीं लोगों व बच्चों के लिए भी रात के वक्त खतरा बनते जा रहे हैं।
जिले में इनका आतंक इस कदर है कि जिला अस्पताल में लगे रैबीज इंजेक्शन के आंकड़ों से ही पता चल जाता है। पिछले 6 माह 6 हजार से अधिक रैबीज के मामले आए हैं। जिनमें लगभग 98 प्रतिशत कुत्ते के काटने के थे। बाकी बिल्ली व अन्य जानवरों के कारण सामने आए। इस दौरान अक्टूबर माह में 60 प्रतिशत जहां कुत्ते के काटने मामले सामने आए हैं, वहीं 40 प्रतिशत बिल्लियों के काटने के मामले भी अस्पताल पहुंचे हैं, जिससे दमोह की बिल्ली भी अब खूंखार होती जा रही हैं।
शहर में 9 हजार से अधिक कुत्ते
नगर पालिका परिषद दमोह के राजस्व विभाग में शहर में कुल 28 हजार 800 मकान हैं। जबकि नगरीय सीमा से लगे मकानों की संख्या लगभग 10 हजार के आसपास है। वहीं सफाई विभाग के कर्मचारियों के अनुसार प्रत्येक वार्ड में 50 से 60 कुत्ते हैं, जो 5 से 10 के झुंड में अलग-अलग गलियों में अपना अधिकार क्षेत्र बनाए हैं, यदि दूसरे झुंड का कोई उनके क्षेत्र में अकेला दाखिल होता है तो उस पर सामूहिक हमला करते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो शहर के 39 वार्डों में 9 हजार से अधिक कुत्ते इस समय मौजूद हैं।
घर में पालने की अनुमति नहीं ली
नपा सीएमओ भैयालाल सिंह के मुताबिक दमोह शहर में जो लग घर में कुत्ता पालते हैं, उन्हें नपा में आवेदन कर अनुमति लेना अनिवार्य है, जिसमें पालने वाले आवेदक का आधार कार्ड, राशन कार्ड, स्वयं का फोटो व कुत्ते की प्रजाति की जानकारी व कुत्ते की फोटो देना अनिवार्य है। इस तरह दमोह में जो घर में पल रहे हैं वह भी अवैध हैं, इनके काटने के मामले आते हैं, जिस पर मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी है, लेकिन दमोह में करीब 20 साल पहले एक पत्रकार पर हमला करने वाले सिविल सर्जन के कुत्ते व सिविल सर्जन पर कोर्ट से कार्रवाई हुई थी, इसके बाद एक भी मामले में भी कार्रवाई नहीं हुई है।
कॉलोनी क्षेत्र में शिकारी कुत्ते
पिछले दिनों हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक कुत्तों के झुंड ने दो साल के बछड़े का शिकार किया और दो मिनट में ही उसे निगल गए। इससे पहले अभिनव होम्स कॉलोनी में एक बछड़े का शिकार करने का प्रयास किया। बछड़े चित्कार सुन कॉलोनी के लोगों ने उसकी जान बछाई और अपने घर में रात भर प्रश्रय दिया। हाल ही में वैक्सीन सेंटर के एक डॉक्टर पर कुत्तों ने हमला किया था। रात के वक्त तेज गति से चलते बाइक सवार पर दौड़ते कुत्तों का झुंड कभी भी देखा जा सकता है।
 
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