सवाल इसीलिए, क्यों जिम्मेदार कहते है यह
यहां सवाल सिर्फ फोटो होने का नहीं है, वरन सवाल इसीलिए भी है कि क्योंकि इस पोस्टर में स्थानीय नेताओं के फोटो लगाए गए है। तो मुख्य प्रत्याशी के फोटो को पोस्टर में जगह क्यों नहीं दी गई? इतना ही नहीं मंच के फं्रट वॉटम में लगे पोस्टर में हद ही नजर आई। इसमें कांग्रेस जिलाध्यक्ष से लेकर ब्लॉक तक के नेता की फोटो लगी नजर आ रही है, लेकिन इसमें भी कांग्रेस प्रत्याशी की फोटो नहीं है। इस सवाल पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय टंडन का कहना है कि सबसे पहली बात उन्होंने यह नहीं देखा कि मंच पर किसकी फोटो लगी है और किसकी नहीं। हालांकि, वह पूरे परिसर और पथरिया में प्रताप सिंह के बहुत से कटाउट लगे होने की बात करते रहे। मंच की बात पर अजय टंडन का कहना है कि आपकी जानकारी पर मैं पता करता हूं कि आखिर मामला क्या है। अगर स्थानीय नेताओं की फोटो होने के बाद भी प्रताप सिंह की फोटो मंच पर नहीं है तो यह गलत है। अगर किसी की इस प्रकरण में गलती पाई जाती है तो कार्रवाई भी की जाएगी।
बिन दूल्हा एलबम किस काम का
आपको यह भी बताना जरूरी है कि पूरे सभा स्थल, पथरिया क्षेत्र में ऐसे अनेक स्थान थे। जहां कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह की फोटो लगी देखी गई, मंच से हटकर लगे पिलर पर भी उनके सिंगल पोस्टर देखे गए, लेकिन उस मंच के मुख्य पोस्टर व फं्रट वॉटम से प्रताप सिंह की फोटो गायब नजर आता है। रहने वाले लोग कहते नजर कि बिन दूल्हा एलबम किस काम का… बहरहाल, इस बात की जिसे भी जानकारी लगी आश्चर्य में डूबा जरूर नजर आया। अब कांग्रेस जिलाध्यक्ष इस प्रकरण में क्या कार्रवाई करते है, देखना होगा।
और नजर आ गई फोटो
कांग्रेस प्रत्याशी की मंच पर लगे पोस्टर से फोटो गायब ही थी, अनेक एंगल देखने के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी का फोटो मुख्य पोस्टर में नजर नहीं आ रहा था, लेकिन बाद में माइक डाइस के पीछे से कांग्रेस प्रत्याशी की फोटो लगे होने का दावा किया गया। जिसका साइड झलक भी दिखाई गई। बताया गया है कि कांग्रेस प्रत्याशी का फोटो माइक डाइस के पीछे होने की वजह से किसी को नजर नहीं आया। हालांकि, मंच के सामने बैठे लोगों को भी यह नजर नहीं आया। जबकि मंच के फ्रंट वॉटम में लगे पोस्टर में कांग्रेस प्रत्याशी का फोटो नदारद ही नजर आया।