हालांत यह हैं कि नवीन भवन एमसीएच में करीब दस जगह पर दूसरी व तीसरी मंजिल पर बड़ी मधुमख्खियों लगी हुई है।
जहां पर मच्छर जालियां नहीं लगी होने से मछों वार्डों के अंदर प्रवेश कर रहीं हैं। जिससे जच्चा-बच्चा के लिए खतरा बना हुआ है।
दो साल पहले बने भवन में दूसरी व तीसरी मंजिल पर मछों के कई जगह छते स्पष्टरूप से दिखाई दे रहे हैं। धीरे-धीरे करके इनकी संख्या भी बढ़ती जा रही है। लेकिन किसी का ध्यानाकर्षण नहीं हो सका है।
प्रसव के बाद व पहले असहाय होती है महिला - अपनी बहू की डिलेवरी कराने पहुुंची महिला लक्ष्मीरानी ने बताया महिला जब डिलेवरी कराने आती है तो वह अधिक चलफिर नहीं सकती।
यही स्थिति डिलेवरी के बाद होती है। अगर मधुमख्खियों का हमला होता है तो जान बचाना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि महिला स्वयं को बचाने में सफल नहीं हो पाएगी।
तीन कंबल ओढ़कर बचाई नवजात की जान- नयाबाजार नंबर दो निवासी परवेज अख्तर ने बताया कि उसकी पत्नी का सीजर से ऑपरेशन दो दिन पहले हुआ था। उसके बाद एमसीएच भवन में उन्होंने प्राइवेट रूम लिया। इसी बीच महिला जब बच्चे को फीडिंग करा रही थी तभी अचानक जब पति ने भीतर जाने के लिए रविवार शाम दरवाजा खोला तो कहीं से उड़कर आई बड़ी मधुमख्खियां कमरे में घुस गईं। जिन्होंने हमला करना शुरू कर दिया। जिसके बाद प्रसूता के साथ नवजात के चपेट में आने पर उसने तुरंत ही एक के बाद एक तीन कंबल उढ़ाकर नवजात को बचाया। इसके बाद प्रसूता को भी बचाने के बाद मछों को एक-एक कर मारना शुरू किया। करीब आधा घंटे की मेहनत के बाद मधुमख्खियों को मारकर वहां मौजूद नर्सिंग स्टॉफ को जानकारी दी। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका।
मछों तोडऩे वाले को बोला है कल ही दिखवाते हैं मछों की समस्या को लेकर शिकायत आई है। मधुमख्खियों को तोडऩे वालों को बुलाया है। कल ही छतों को तोडऩे के लिए तैयारी करके उसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी। डॉ. दिवाकर पटैल - आरएमओ जिला अस्पताल