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Water crisis जागरुकता के अभाव में गहरा रहा जलसंकट

locationदमोहPublished: Feb 28, 2018 11:24:34 am

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

सूखे के हालात से परेशान हो जाएगा दमोह जिला

Damoh district will be disturbed by the situation of drought

Damoh district will be disturbed by the situation of drought

हटा. अल्प बारिश के बाद इस वर्ष गर्मी में जलसंकट की आहट ठंड के मौसम में ही सुनाई देने लगी थी, लेकिन गर्मी का मौसम शुरू होते ही यह स्थिति भयावह होती जा रही है। क्षेत्र मे सार्वजनिक जलस्रोतों से हो रही सिंचाई पर रोक नही होने से भू-जलस्तर गिरता चला जा रहा है। वहीं नगर में भी जल संकट गहराता जा रहा है। लोगों को हैंडपंप से पानी भरने मे घंटों का समय व्यतीत करना पड़ रहा है। सार्वजनिक तालाब, नदी, नालों मे मोटर पंप लगाकर सिंचाई की जा रही है। वहीं लोग भी पानी की बर्बादी मे कोई कसर नहीं छोड रहे हैं।
केस 1
नगर के लोग कर रहे पानी की बर्बादी
जहां एक ओर इस वर्ष पानी की कमी की आहट पहले ही आ चुकी है, वहीं नगर में कुछ लोग आज भी जागरूक नही है, खुलने वाले नलों से सड़कों की सिंचाई से लेकर रोड पर गाड़ी धोने तक लोग गलत तरीके से पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं पानी भरने के बाद भी नल खुले छोड़ देने से पीने का पानी नालियों मे बहता रहता है। लोग जागरुक नहीं हुए तो गर्मियों में भयावह स्थिति बन सकती है।
केस 2 नल खुलने का समय निश्चित नहीं
पानी की कमी के चलते खुलने वाले नल भी असमय खुलते हैं, जिसकी कोई टाइमिंग नहीं हैं, कभी दो दिन तो कभी तीन दिन के बाद नल खुल रहे हैं। जिससे लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही कुछ समय पानी देने के बाद नल हवा छोडऩे लगते हैं।
केस 3 हैंडपंप पड़े हैं बंद
पीएचई विभाग अधिकारी एचएल अहिरवार के अनुसार नगर मे कुल 43 हैंडपंप लगे हैं, जिसमे 29 में पानी है व 14 हैंडपंप खराब हैं। जबकि नागरिकों के अनुसार नगर के लगभग आधे हैंडपंप खराब पड़े हंै, कुछ हैंडपंप कुछ देर हवा छोडऩे के बाद पानी देते हैं। अगर समय पर इन हैंडपंपों को सही नहीं करवाया जाता है, तो लोगों को पानी की बड़ी समस्या से जूझना पड सकता है। क्योंकि जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है जो विकराल रूप ले रहा है।
वर्जन
पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों से नलो मे टोंटी लगाने की सलाह नगरपालिका द्वारा दी जा चुकी है। अकारण पानी की बर्बादी पर लोगों को नोटिस दिया जाता है, यह कार्रवाई निरंतर जारी है।
प्रियंका झारिया, सीएमओ नगरपालिका हटा
वर्जन
सार्वजनिक जलस्रोतों से सिंचाई रोकने के लिए जिला प्रशासन से आदेश नहीं है, आदेश आने पर ही प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
नारायण सिंह एसडीएम हटा
पानी की बर्बादी पर नहीं लगी रोक तो मवेशियों के सामने होगा भीषण जलसंकट
मडिय़ादो. सार्वजनिक जलाशयों से पानी निकालने से नदी,नालों का जल स्तर निरंतर घटता जा रहा है। परिणाम स्वरुप गर्मिंयों में ग्रामीणों और मवेशियों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा। किसानों द्वारा लगातार फसलों की सिंचाई के लिए मोटरपंप चला कर नदी नालों से पानी खींच कर खेतों तक पहुंचा रहे हंै। जिस कारण अंचल के विभिन्न जलस्रोत अभी से दम तोड़ चुके हंै।
कोलडाबर नाले से सिंचाई पानी की हो रही बर्बादी
ग्राम मडिय़ादो के लगभग दस हजार की आबादी के लोगों को प्रकृति की देन कोलडाबर और जोगीडाबर जलाशय से दबंगों के द्वारा लगातार पानी दोहन किया जा रहा है सिंचाई के अलावा पानी को बेकार सड़क के किनारे खंतियों में बेकार बहा रहे है। जिस कारण लगातार नाले का जलस्तर घट रहा है। बीते वर्ष भी नाले का पानी जायद फसल में उपयोग किया गया जिस कारण अच्छी बारिश के बाद भी नाला कुंडों में तब्दील हो गया था। इस साल सूखे के कारण बैसे ही नदी नाले खाली पड़े है इसके बावजूद निंरतर सिंचाई से यह सूख रहे है अगर समय रहते पानी बर्वादी पर रोक नहीं लगी तो इंसानों के साथ मवेशियों के सामने भी भीषण जल संकट खड़ा हो जाएगा।
नदी में दिखने लगी तलहटी
सुनार नदी के कांटी, ढांड़ी, उदयपुरा, चंदेना, मुहरई, तिंदनी, पाली, दिगी, निवास गांवों के किनारे से निकली नदी में निरंतर सिंचाई होने से नदी की तलहटी दिखाई देने लगी। इसके बावजूद रहे-सहे पानी को भी खाली करने कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। मडिय़ादो के कोलडाबर, जोगीडाबर, कंचन, सरुआ, कुडिय़ा, लुडय़ा नालों में भी लगातार सिंचाई जारी है। यहां किसानों के द्वारा एक से डेढ़ किमी दूरी तक पाइप लाइन लगा कर खेतों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। जिसमें तीन से दस हार्स पावर तक के मोटर पंप लगा कर किसान पानी खींचने का काम कर रहे हंै। नतीजतन जलाशयों के जलस्तर गिरने के कारण आसपास के कुआं और हैंडपंपों का जल स्तर भी गिर रहा है। जिस कारण गर्मियों की शुरूआत में ही कई हैंडपंप और कुआं सूख चुके हंै। एसडीएम नारायण सिंह ने कहा कि गर्मी को देखते हुए योजना बनाई जा रही है।
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