script

नहीं सुधरे दमोह-जबलपुर स्टेट हाइवे के हाल,सड़क बन रही हादसों की वजह

locationदमोहPublished: Jan 14, 2018 02:13:25 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

सड़क दुर्दशा बन रही हादसों की वजह

सड़क दुर्दशा बन रही हादसों की वजह

Not Improved Damoh-Jabalpur State Highway Conditions

दमोह. 100 किलोमीटर का दमोह-जबलपुर स्टेट हाईवे सड़क हादसों के लिए जिले का सबसे खतरनाक मार्ग माना जाने लगा है। इस मार्ग में हादसों में बढ़ोत्तरी होने की प्रमुख वजह मार्ग की दुर्दशा पूर्ण स्थिति होना बताया जा रहा है। वैसे तो इस मार्ग का निर्माण कार्य हालही के कुछ वर्ष पहले किया गया था। लेकिन कम समय में ही यह दुर्दशा का शिकार हो गया है। दमोह से चलकर जबलपुर तक दो टोल नाके हैं जिन पर वाहनों से टैक्स वसूली तो बकायदा की जा रही है, लेकिन यात्रा करने वालों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया है।
बताया गया है कि मार्ग की स्थिति खराब होने की वजह यह है कि सड़क निर्माण के दौरान सड़क की गुणवत्ता को नजर अंदाज किया गया, वहीं मार्ग गड्ढे तैयार हो जाने पर नियमित सुधार कार्य सड़क की गारंटी निभाने वाली कंपनी द्वारा नहीं किया जा रहा है। इस मार्ग की दुर्दशा को सुधारने के लिए मंत्री भी निर्देश जारी कर चुके हैं बावजूद इसके मार्ग का सुधार कार्य नहीं किया गया है। इस मामले कुछ माह पहले प्रभारी मंत्री ने भी कहा था कि सड़मक का सुधार नहीं किया जाता तो टोल नाकों को बंद करा दिया जाएगा। उन्होंने इस बात को लेकर जिला प्रशासन के आलाधिकारियों को भी आदेश जारी किए थे। वहीं वित्तमंत्री जयंत मलैया भी जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं कि सड़क निर्माण कंपनी द्वारा सुधार कार्य कराया जाए। इस मामले में तमाम निर्देशों के बाद भी कार्रवाई का स्तर संतोषजनक साबित नहीं हुआ। इधर सड़क निर्माण कंपनी ने तभी नाम के लिए सुधार कराया जब लोगों का आक्रोश आंदोलनों में तबदील हो गया।

वर्तमान में सड़क की दुर्दशा का प्रतिशत पहले से अधिक हो चुका है। बताया गया है कि दमोह से चलकर टोल नाका के आगे हथनी गांव के समीप, अभाना पहुंचने के पहले, नोहटा गांव आने से पहले, सत्रह मील से अभाना के बीच बन चुके गड्ढे, जबेरा के समीप, सिंग्रामपुर के पास व अन्य स्थानों पर सड़क बीच बीच में खराब हो चुकी हैं। वहीं इस मार्ग पर सबसे खतरनाक नोहटा के समीप ब्यारमा नदी पर बने ब्रिज के दोनों तरफ सौ-सौ मीटर सड़क का टुकड़ा है। वहीं जबेरा आने से पहले बनी पुलिया सड़क निर्माण से लेकर अब तक परिवहन में परेशानी बनी हुई है। इस पुलिया का प्रतिवर्ष बारिश के दिनों में सड़क निर्माण कंपनी को सुधार कराना पड़ता है, लेकिन सुधार कार्य स्थाई रुप से नहीं कराया जाता है। करीब छह माह पहले कलेक्टर द्वारा सड़क निर्माण कंपनी को मार्ग के सुधार के लिए निर्देश दिए गए थे, जिस पर कंपनी द्वारा कुछ टुकड़ों में गड़्ढों की फिलिंग का कार्य ही कराया गया था।
नहीं है सुरक्षा इंतजाम
इस मार्ग में कई ऐसे स्थान है जहां पर सड़क के दोनों तरफ खाई बनी हुईं हैं, लेकिन सड़क किनारे लगाए जाने वाले सैफ्टी गार्ड नहीं है। इसके अलावा कुछ खतरनाक मोड़ व हादसों की वजह से ब्लैक प्वाइंट भी है जहां पर सावधानी के लिए साइन बोर्ड लगा होना चाहिए था, लेकिन कंपनी द्वारा यह सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं कि गई है। शहर के जबलपुर नाका से मारुताल तक सड़क के बीच में डिवाइडर बनाया गया है, इस डिवाइडर पर रेडियम युक्त पेंट से पुताई की जानी थी, लेकिन साधारण पीले व काले पेंट से पुताई की गई है जिसकी वजह से रात के समय जैसे ही वाहनों की लाइट डिवाइडर पर पड़ती है तो डिवाइडर रिफलेक्शन की वजह से नजर नहीं आता है, जबकि यहां रेडियम कलर से पुताई की जाती तो यह वाहनों की लाइट पडऩे पर और अधिक चमकीला होता। सड़क के इस मामले में एसडीएम सीपी पटेल से बात की गई। एसडीएम सीपी पटेल ने कहा है कि एक बार फिर सड़क सुधार के लिए निर्माण कंपनी को पत्र भेजा जाएगा और सुधार कार्य कराए जाने के निर्देश दिए जाएंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो