वर्तमान में सड़क की दुर्दशा का प्रतिशत पहले से अधिक हो चुका है। बताया गया है कि दमोह से चलकर टोल नाका के आगे हथनी गांव के समीप, अभाना पहुंचने के पहले, नोहटा गांव आने से पहले, सत्रह मील से अभाना के बीच बन चुके गड्ढे, जबेरा के समीप, सिंग्रामपुर के पास व अन्य स्थानों पर सड़क बीच बीच में खराब हो चुकी हैं। वहीं इस मार्ग पर सबसे खतरनाक नोहटा के समीप ब्यारमा नदी पर बने ब्रिज के दोनों तरफ सौ-सौ मीटर सड़क का टुकड़ा है। वहीं जबेरा आने से पहले बनी पुलिया सड़क निर्माण से लेकर अब तक परिवहन में परेशानी बनी हुई है। इस पुलिया का प्रतिवर्ष बारिश के दिनों में सड़क निर्माण कंपनी को सुधार कराना पड़ता है, लेकिन सुधार कार्य स्थाई रुप से नहीं कराया जाता है। करीब छह माह पहले कलेक्टर द्वारा सड़क निर्माण कंपनी को मार्ग के सुधार के लिए निर्देश दिए गए थे, जिस पर कंपनी द्वारा कुछ टुकड़ों में गड़्ढों की फिलिंग का कार्य ही कराया गया था।
नहीं है सुरक्षा इंतजाम
इस मार्ग में कई ऐसे स्थान है जहां पर सड़क के दोनों तरफ खाई बनी हुईं हैं, लेकिन सड़क किनारे लगाए जाने वाले सैफ्टी गार्ड नहीं है। इसके अलावा कुछ खतरनाक मोड़ व हादसों की वजह से ब्लैक प्वाइंट भी है जहां पर सावधानी के लिए साइन बोर्ड लगा होना चाहिए था, लेकिन कंपनी द्वारा यह सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं कि गई है। शहर के जबलपुर नाका से मारुताल तक सड़क के बीच में डिवाइडर बनाया गया है, इस डिवाइडर पर रेडियम युक्त पेंट से पुताई की जानी थी, लेकिन साधारण पीले व काले पेंट से पुताई की गई है जिसकी वजह से रात के समय जैसे ही वाहनों की लाइट डिवाइडर पर पड़ती है तो डिवाइडर रिफलेक्शन की वजह से नजर नहीं आता है, जबकि यहां रेडियम कलर से पुताई की जाती तो यह वाहनों की लाइट पडऩे पर और अधिक चमकीला होता। सड़क के इस मामले में एसडीएम सीपी पटेल से बात की गई। एसडीएम सीपी पटेल ने कहा है कि एक बार फिर सड़क सुधार के लिए निर्माण कंपनी को पत्र भेजा जाएगा और सुधार कार्य कराए जाने के निर्देश दिए जाएंगे।
इस मार्ग में कई ऐसे स्थान है जहां पर सड़क के दोनों तरफ खाई बनी हुईं हैं, लेकिन सड़क किनारे लगाए जाने वाले सैफ्टी गार्ड नहीं है। इसके अलावा कुछ खतरनाक मोड़ व हादसों की वजह से ब्लैक प्वाइंट भी है जहां पर सावधानी के लिए साइन बोर्ड लगा होना चाहिए था, लेकिन कंपनी द्वारा यह सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं कि गई है। शहर के जबलपुर नाका से मारुताल तक सड़क के बीच में डिवाइडर बनाया गया है, इस डिवाइडर पर रेडियम युक्त पेंट से पुताई की जानी थी, लेकिन साधारण पीले व काले पेंट से पुताई की गई है जिसकी वजह से रात के समय जैसे ही वाहनों की लाइट डिवाइडर पर पड़ती है तो डिवाइडर रिफलेक्शन की वजह से नजर नहीं आता है, जबकि यहां रेडियम कलर से पुताई की जाती तो यह वाहनों की लाइट पडऩे पर और अधिक चमकीला होता। सड़क के इस मामले में एसडीएम सीपी पटेल से बात की गई। एसडीएम सीपी पटेल ने कहा है कि एक बार फिर सड़क सुधार के लिए निर्माण कंपनी को पत्र भेजा जाएगा और सुधार कार्य कराए जाने के निर्देश दिए जाएंगे।