चार फागिंग मशीन लेकिन एक भी उपयोगी नहीं
जिला मलेरिया विभाग के पास कहने को चार फागिंग मशीनें हैं, लेकिन चारों मशीनें लंबे अर्से से खराब पड़ी हुईं हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार फागिंग मशीनों को लाखों की राशि से वर्ष २०१५-१६ में खरीदा गया था, लेकिन घटिया कंपनी की मशीनें खरीदने की वजह से यह कारगर साबित नहीं हो सकीं। बताया गया है कि जब इन मशीनों का उपयोग शुरु किया तो यह चालू नहीं हो सकीं। किसी तरह इन नई मशीनों का सुधार किया गया फिर भी यह उपयोगी साबित नहीं हो पा रहीं हैं। वर्तमान में भी यह बिगड़ी हालत में मलेरिया विभाग के स्टोर में पड़ी हुईं हैं।
इन गांवों में रहा डेंगू का प्रकोप
जिले की सात तहसीलों में से तेंदूखेड़ा तहसील के दो गांव ऐसे हैं जहां डेंगू का भरपूर प्रकोप होना हाल ही में सामने आया था। बताया गया है कि तहसील के हरदुआ गांव में ४९ डेंगू पॉजीटिव मरीज सामने आए थे। वहीं तेजगढ़ के समीपस्थ गांव पतलौनी में १५ डेंगू पॉजीटिव मरीज सामने आए। इसके अलावा अन्य गांवों में भी डेंगू के मरीज पाए गए लेकिन यह बहुसंख्या में नहीं रहे। मलेरिया विभाग की जानकारी के अनुसार जिले में कुल ७२ डेंगू पॉजीटिव मरीज अब तक सामने आ चुके हैं।
शुक्रवार को खड़ेरी पहुंची थी मलेरिया विभाग की टीम
जिले के बटियागढ़ तहसील अंतर्गत खड़ेरी गांव में डेंगू संदिग्ध होने की सूचना मिलने पर जिला मलेरिया विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी और गांव में डेंगू सर्वे कराया गया था। लेकिन अधिकारी उस परिवार से नहीं मिल सके थे जो बीमारी से ग्रसित थे। मामले में मलेरिया अधिकारी यामनी सिलारपुरिया ने बताया कि परिवार के सभी लोग सागर में उपचार करा रहे हैं जिसकी वजह से उनके घर पर ताला लगा हुआ था, लेकिन आसपास व रिश्तेदारों से बात कर सर्वे किया गया था व कुछ लोगों के सेंपल लिए गए। मलेरिया अधिकारी ने बताया ग्रामीणों को सफाई रखने, पानी ज्यादा दिनों तक जमा नहीं रखने की सलाह भी दी गई है।
वर्जन
डेंगू मरीज होने की सूचना मिलने पर तुंरत कार्रवाई की जाती है, फागिंग मशीनों को तीन वर्ष पहले क्रय किया गया था, जिनका सुधार कार्य कराया जाएगा।
यामनी सिलारपुरिया, डीएमओ