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जिला निर्वाचन अधिकारी को सराह गए मणिपुर विस अध्यक्ष

locationदमोहPublished: Apr 23, 2019 09:05:34 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

चुनाव में दिखाई दे रही है चुनाव आयोग की सख्ती, हिंदी भाषी क्षेत्र में कैसे होते हैं चुनाव आए देखने

Election Commission's Struggle Showing

Election Commission’s Struggle Showing

दमोह. नार्थ ईस्ट मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष वाई खेमचंद इस समय दमोह लोकसभा का भ्रमण कर रहे हैं। नार्थ ईस्ट व हिंदी भाषी क्षेत्रों में चुनाव का कैसा माहौल है इसकी तुलना करने यहां पहुंचे हैं। मीडिया से संवाद के दौरान उन्होंने बड़ी ही ईमानदारी से स्वीकार किया कि नार्थ ईस्ट के बजाय हिंदी भाषी क्षेत्र खासतौर पर दमोह लोकसभा क्षेत्र में निर्वाचन आयोग बहुत अच्छा कार्य कर रहा है।
दरअसल वाई खेमचंद ने दमोह लोकसभा का भ्रमण किया तो उन्हें नाकों पर एफएसटी, एसएसटी टीमें मुस्तैद थीं। आचार संहिता का पालन कराने अधिकारी सख्ती से पेश आ रहे थे। जबकि उन्होंने साफगोई से स्वीकार किया कि नार्थ ईस्ट में निर्वाचन आयोग की इस तरह की मुस्तैदी नजर नहीं आती है।
नार्थ ईस्ट में नहीं पहुंचते मुद्दे
मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा लोकसभा चुनाव में जिस तरह के शब्द वाण चलाए जा रहे हैं और उनकी चर्चाएं हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच छिड़ी हुई हैं, उस तरह की चर्चाएं उनके मणिपुर में नहीं छिड़ती हैं। कौन चौकीदार है और कौन क्या है यह बातें नहीं पहुंची हां उनके क्षेत्र में पाकिस्तान की सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा जरूर आमजनमानस के बीच लोकसभा चुनाव की वोटिंग तक छाई रही है।
सोचा तो कुछ हो गया कुछ
वाई खेमचंद ताइक्वांडो के राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, उन्होंने ही मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में इस खेल की ऊंचाई पहुंचाई थी साथ देश के लिए चार गोल्डमेडल जीते थे। वह राजनीति में इसलिए आए कि वह खिलाडिय़ों के लिए कुछ करेंगे, लेकिन वह विधानसभा अध्यक्ष फिर भी उन्होंने अभी खिलाडिय़ों के भलाई का रास्ता नहीं छोड़ा है, उसके लिए उनके पास योजना है और उन्हें उम्मीद है कि वह एक दिन कामयाब जरूर होंगे।
काश्मीर से अलग था हिंसा का दौर
काश्मीर व मणिपुर में हिंसा के दौर पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि काश्मीर में वार्डर की समस्या है। मणिपुर में राजा का राज रहा है, १९४९ में भारत के साथ जुडऩे के बाद वहां की जनता भारतीय गणतंत्र को पसंद करती है। वहां पर कुछ युवाओं ने बंदूक उठा ली थी, अब यह समस्या ९० फीसदी हल हो चुकी है और १० फीसदी भी जल्द सुलझने की संभावना है।
मणिपुर घूमने के लिए बहुत कुछ
वाई खेमचंद ने कहा कि मणिपुर को प्रकृति ने अनमोल उपहार दिया है, इस मौसम में इस राज्य में पर्यटन करना सबसे अच्छा सीजन माना जाता है। यहां अभी पसीना बह रहा है, वहां नार्मल तापमान रहता है। अब वहां हिंसा का वातावरण भी नहीं है, धीरे-धीरे पर्यटन उद्योग भी चलने लगा है।
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