दमोहPublished: Oct 06, 2019 12:44:42 am
Sanket Shrivastava
घोघरा ग्राम पंचायत का मामला
Electricity supply stalled for a week, villagers are fascinated to dri
मडिय़ादो. वनांचल क्षेत्र में बिजली कंपनी के उदाशीनता के कारण ग्रामीणों को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। घोघरा ग्राम पंचायत में बीते एक सप्ताह से बिजली सप्लाई बंद है। जिसके चलते ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। यहां के कारीबरा, भूलखेड़ा जुनेरी और पंचायत मुख्यालय घोघरा के लगभग दो हजार लोग बिजली कट होने से परेशान हैं।
घोघरा के लगभग दो सैकड़ा परिवार बारिश के मौसम में भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं। गांव में कहने को तो आधा दर्जन हैंडपंप है। लेकिन उनमें महज दो हैंडपंप ही जो चलते हैं। लेकिन हैंडपंपों में पाइप लाइन कम होने से वह बूंदबूंद पानी देते हैं। जिसके चलते हैंडपंपों पर लोगों की कभी भी लाइन लगी देखी जा सकती है।
जब यह भी हैंडपंप धोखा दे जाते हैं तो गांव से लगभग ढेड़ किमी दूरी तय कर खतरनाक घाटी के नीचे उतर कर पानी भरने के बाद घाटी चढ़कर प्यास बुझाना पड़ती है। यहां पीएचई विभाग के द्वारा बीते चार पाच वर्ष पहले लाखों खर्च कर सौरपंप स्थापित किया गया था। लेकिन बीते दो वर्ष से सिस्टम का पंप खराब होने से वह भी बंद पड़ा हुआ है।
पॉवर कट होने से आई नौबत
यहां के लोगों का कहना है कि गांव पहाड़ी की ऊंचाई पर बसा हुआ है। जिसके चलते हरदम यहां जलसंकट बना रहता है।
हैंडपंपों में बहुत गहराई में पानी रहता है जिसके कारण हैंडपंप से पानी बाहर खींचने में लोगों को पसीना बहाना पड़ता है। यहां के घूपत ,काशीराम आदिवासी, रामादीन यादव, कमलेश रजक, लक्ष्मण बंसल का कहना है कि गांव में हैंडपंपों में जलस्तर बहुत गहराई पर होने के कारण हैंडपंप कम पानी देते हैं। गांव में पेयजल पूर्ति करने एक ट्यूवेल में ग्राम पंचायत के द्वारा मोटर पंप लगाया है। जिससे गांव वालों को बड़ी राहत थी।
लेकिन बीते एक सप्ताह से बिजली बंद है जिसके चलते ग्रामीणों को बारिश के मौसम में रात्रि में अंधेरे में जीवन गुजारना पड़ रहा है। वहीं मोटर पंप बंद होने से पेयजल संकट से जूझना मजबूरी हो चुकी है। सरपंच, सचिव से लेकर बिजली विभाग के कर्मचारियों से कई बार बिजली चालू करने की गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई और लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।