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बिजौरी सीतानगर बांध के निर्माण में हो रहीं गड़बडिय़ां

locationदमोहPublished: Nov 03, 2022 09:11:14 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

बाढ़ के दौरान बांध फूटने से किसानों के खेतों में भरा था पानी नहीं मिला मुआवजा

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दमोह/ नरसिंहगढ़. सीतानगर सिंचाई परियोजना के तहत बिजौरी गांव से डेढ़ किमी दूर बांध का निर्माण कराया जा रहा है। अतिवृष्टि के दौरान पानी रोकने के लिए मिट्टी की पार टूट गई थी, जिससे बिजौरी व चैनपुरा गांव के किसानों के खेतों में पानी भर गया था। यदि बाढ़ का पानी बढ़ता तो उससे नदी की धारा बदलने का खतरा भी बढ़ गया था। करीब एक माह पहले भी फिर से बांध फूटने की घटना सामने आई थी, प्रदेश में बांध फूटने की बड़ी घटना के बाद यहां के ग्रामीण चितिंत हैं।
चैनपुरा गांव के लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है कि सीतानगर बांध में गड़बडिय़ां की जा रही हैं। जिससे बांध के सालों साल टिकाऊ रहने की आशंका बन रही है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर तक भेजी शिकायत में बताया है कि बांध का निर्माण में गुणवत्ता के साथ समझौता किया जा रहा है। एक माह पहले बांध में रिसव भी हुआ था उस दौरान उनके खेतों और घरों तक पानी भी भर गया था। इससे पहले जब बाढ़ आई थी तब भी बांध फूट गया था, जिससे पूरे क्षेत्र में तबाही हुई थी। यदि सुनार नदी का जल स्तर ४ फुट ओर बढ़ जाता तो नदी की धारा अलग दिशा में बहने लगती जिससे कई गांवों को नुकसान हो सकता था। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को समय-समय पर बांध की गुणवत्ता का ख्याल रखने की मांग की है लेकिन उनकी मांग अनसुनी की जा रही है।
अधिग्रहित जमीन का मुआवजा नहीं
सीतानगर बांध परियोजना के तहत किसानों की जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया गया है, लेकिन अभी भी अधिकांश किसान हैं, जिन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है। अब चैनपुरा व बिजौरी गांव के किसान अपनी जमीनें गंवाने के बाद अपने घरों तक पानी भरने की चिंता में डूबे हुए हैं। क्योंकि वह अतिवृष्टि व करीब एक माह पूर्व बांध फूटने के कारण जब रिसाव हुआ था तब भी किसानों के घरों तक पानी पहुंचने लगा था, वहीं अतिवृष्टि बाढ़ के दौरान जब सुनार रौद्र रूप में थी तब स्थिति भयावह हो गई थी।
प्रदेश की घटनाओं से चिंतित
दरअसल चैनपुरा के ग्रामीणों का चिंतित होने का कारण यह है कि बारिश के दौरान प्रदेश में निर्माणधीन बांधों के ढहने से कई गांवों में तबाही मची थी। जिससे ग्रामीणों का चिंतित होना लाजिमी है, क्योंकि यदि गुणवत्ता का ख्याल रखा जाएगा तो आसपास के गांवों की सुरक्षा नहीं रहेगी, यदि घटिया निर्माण होगा तो गांवों में पानी भरने का खतरा बना रहेगा। सीतानगर व नरसिंहगढ़ के बीच सुनार नदी पर 518.09 करोड़ रुपए की लागत से बांध का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं।

 

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