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बारीक दाने की यूरिया के लिए किसान लगा रहा एड़ी चोटी का जोर

locationदमोहPublished: Dec 08, 2019 10:06:00 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

शहर सहित जिले भर में सरकारी खाद के लिए लग रही लंबी कतारें

Farmers are trying to push the heel peak for fine urea

Farmers are trying to push the heel peak for fine urea

दमोह/ हटा. दमोह शहर के मार्कफेड की गोदाम व ग्रामीण क्षेत्रों की सहकारी समितियों व ब्लॉक स्तर के यूरिया खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें लग रही हैं। यूरिया खाद को लेकर किसानों के अंदर एक बाद बैठी है कि बारीक यूरिया जल्दी घुल जाता है, सस्ता मिलता है और नकद रुपए नहीं देने पड़ते हैं, इसलिए किसी भी तरह वह अधिक से अधिक बोरियां लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। किसानों की डिमांड का फायदा सहकारी समितियां भी उठा रही हैं, यूरिया के बहाने कर्ज वसूली भी कर रही हैं।
जिले में यूरिया खाद के लिए शहर से लेकर गांव तक जहां भी यूरिया खाद बंट रही है, वहां किसानों की लंबी कतारें कुछ ही घंटों में लग रही हैं। रविवार को अवकाश के दिनों में भी मार्कफेड की सागर नाका स्थित गोदाम से यूरिया खाद का वितरण किया जा रहा था। इसमें महिलाओं के साथ वृद्ध महिलाएं भी कतार में लगी थीं। यहां किसानों की भीड़ देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था, जो कतार में लगे किसानों को नियंत्रित कर रहा था।
बाजार में मोटा, यहां बारीक दाना
शासन स्तर पर दावा किया जा रहा है कि किसानों के लिए यूरिया का भरपूर स्टॉक है, फिर मारा-मारी क्यों हो रही है, इस पर पत्रिका ने पड़ताल की तो पता चला कि सरकारी खाद बारीक दाने का व सस्ता पड़ता है यहां 266.50 पैसे यानि 277 रुपए की बोरी दी जा रही है। जबकि बाजार में मोटे दाने की खाद 350 से 375 रुपए की मिल रही है। इस 100 रुपए के अंतर व बारीक दाना जल्दी घुलने के कारण किसान इसी खाद को पसंद कर रहा है।
मांग रहे 25 मिल रही 5 बोरी
भरौटा निवासी किसान लोकेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह ने बताया कि हम भरौटा से खाद लेने के लिए आएं हैं और हमें 25 बोरी खाद की आवश्यकता है, लेकिन सिर्फ 5 बोरी ही खाद मिली है। हम दिन भर का नुकसान करके आएं हैं, इससे अच्छा तो हम बाजार से खरीदते क्योंकि यहां तक आने-जाने और खाद ले जाने में 150 रुपए खर्च हो गए तो हमें बाजार के ही लगभग दामों में खाद पड़ गई है।
पहले मांगी फोटोकॉपी, फिर मंगाई ओरजिनल
हटा डबल लॉक में पहुंचे किसान रामेश्वर पटेल, बलराम, हरगोविंद व खिलान ने बताया कि दो दिन पहले हम आए थे, तो हमें बही की फोटो कॉपी लाने के लिए कहा गया था, रविवार को हम फोटो कॉपी लेकर आए तो अधिकारी का कहना है कि ओरिजनल कॉपी भी लाएं इस तरह हमें परेशान किया जा रहा है।
सहकारी समितियां कर रहीं आनाकानी
जबेरा अंचल की सहकारी समिति सिमरी जालम सिंह, रौंड़, बनवार सहित अन्य सहकारी समितियों में अभी तक यूरिया खाद का वितरण नहीं किया जा रहा है। यहां किसानों से कहा जा रहा है, कि पहले का कर्ज जमा करें तब यूरिया खाद दी जाएगी, जिससे इस क्षेत्र में किसी भी किसान को यूरिया नहीं मिल पा रही है।
5 हजार टन बंट चुकी यूरिया खाद
जिले में शनिवार तक 5 हजार टन यूरिया खाद का वितरण हो चुका है। अभी एक रैक आया था, जिसमें से एक हजार टन उतारा गया था, जिसमें से 300 टन पन्ना भेज दिया गया है, जिले में अभी 700 टन की उपलब्धता बताई जा रही है। इसके अलावा दूसरा रैक भी आने की संभावना बताई जा रही है।
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