पुलिस को सुबह पता चला
मंगलवार की रात देवेंद्र पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। हालांकि पुलिस को देवेंद्र की फरारी की जानकारी सुबह 6 बजे के करीब लगी है। जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड से देवेंद्र के फरार होने पर हड़कंप मच गया है। जिले के एसपी हेमंत सिंह चौहान, एएसपी शिव कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। आरोपी की धर पकड़ के लिये जिले के थानों को भी एलर्ट कर दिया गया है।
मुश्किल से हाथ आया था आरोपी
मध्यप्रदेश के अलग अलग जिलों में बीते एक साल से भी ज्यादा वक्त से एटीएम को ब्लास्ट कर उड़ाने वाले गैंग का सरगना था देवेंद्र। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उसको पकड़ा था। एटीएम ब्लास्ट गिरोह का मास्टर माइंड महज 28 साल का एक युवक देवेंद्र सिविल इंजीनियर है।
पन्ना में 19 जुलाई को पन्ना में एटीएम ब्लास्ट कर पैसों की चोरी होने के बाद तफ्तीश में जुटी पुलिस ने गाड़ी की नम्बर प्लेट और शराब की बोतले के आधार पर देवेंद्र की गैंग को पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि एटीएम को ब्लास्ट कर लूटने वाली इस शातिर गैंग का मास्टरमाइंड 28 साल का देवेन्द्र है। जो IPS बनना चाहता था और दो बार IPS की परीक्षा भी उसने दी लेकिन पास नहीं हो पाया। देवेन्द्र ने क्राइम सीरियल देखकर वारदातों को प्लानिंग की और सोशल मीडिया से बम चलाने का तरीका सीखा था।
1 साल में 7 ATM ब्लास्ट कर लूटे 48 लाख रुपए
पुलिस की गिरफ्त में आई एटीएम ब्लास्ट की ये गैंग कितनी शातिर है इसका अंदेशा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसने बीते एक साल में 7 एटीएम ब्लास्ट कर वहां से 48 लाख रुपए उड़ाए थे। अगर गैंग की वारदातों को देखें तो गैंग ने 6 जून 2019 को जबलपुर के नुनसर में, 25 अक्टूबर 2019 को कटनी में, नवंबर 2019 में कटनी में ही एक और एटीएम, 22 जनवरी 2020 को जबलपुर में, 6 मार्च 2020 को दमोह में, 17 मई 2020 को फिर दमोह में और 19 जुलाई 2020 को पन्ना में एटीएम को ब्लास्ट कर उड़ाया था।