अभी जिस फुट ब्रिज का इस्तेमाल हो रहा है, यह वर्षों पुराना है और अपनी जर्जर हालत को बखान रहा है। गुरूवार को फुटब्रिज की स्थिति को फोकस किया गया तो देखने में आया है कि ब्रिज में कई बड़ी दरारें फट चुकीं हैं। साथ ही कुछ जगह ब्रिज का हिस्सा टूट चुका है।
दिनोंदिन ब्रिज की स्थिति खराब होती जा रही है। ब्रिज पर उस समय खतरा अधिक होता है जब कोई सवारी गाड़ी प्लेटफार्म नंबर 02 अथवा 03 पर आकर रूकती है। इस बीच सैकड़ों की संख्या में यात्री ट्रेन में चढऩे उतरने के बाद ब्रिज से आना जाना कर रहे होते हैं।
ऐसे में ब्रिज पर क्षमता से अधिक भार होने पर कभी भी हादसे को अंजाम मिल सकता है। विदित हो कि करीब एक साल पहले तत्कालीन स्टेशन प्रबंधक एससी अग्रवाल ने बताया था कि फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव दमोह से भेजा जा चुका है।
यात्रियों को मिलने वालीं सुविधाओं में इसे प्रमुखत: से रखा गया है। लेकिन अभी तक भेजे गए प्रस्ताव पर अमल नहीं किया जाना ही सामने आया है। बताया गया है कि फुट ब्रिज का उपयोग करीब 42 साल से होता आ रहा है। जानकारों के अनुसार जिस समय ब्रिज बनकर तैयार हुआ था उस समय और वर्तमान समय में यात्रियों की संख्या में हजारों का अंतर आ चुका है। इस कारण यात्रियों की बढ़ती संख्या के अनुसार फुट ओवर ब्रिज को क्षमतानुरूप नहीं माना जा सकता है। जब यह ब्रिज यात्रियों से भरा रहता है तो दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर से त्योहारों के समय स्थिति और अधिक खतरनाक नजर आने लगती है। ब्रिज के निचले हिस्से से इसके अधिक पुराने होने की स्थिति स्पष्टतौर पर नजर आने लगती है।
वहीं ब्रिज की चौड़ाई काफी कम है। ब्रिज पर अपना सामान साथ लिए दो यात्री एक साथ मुश्किल से चल पाते हैं। इसलिए ब्रिज पर भीड़ की वजह से धक्का मुक्की स्थिति आमतौर पर रहती है। ऐसे में ब्रिज के ऊपरी हिस्से और निचले तल पर नजर आने वालीं दरारें ब्रिज के टूटने का कारण बन सकती है। लेकिन इस संवेदनशील तथ्य को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है। इन्होंने कई बार की मांग यात्रियों की सुरक्षा को लेकर नया फुट ओवर ब्रिज बनाए जाने की मांग दमोह रेल संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को द्वारा पिछले कुछ सालों से लगातार की जा रही है। इस वास्ते समिति द्वारा कई ज्ञापन भी सौंपे गए हैं। समिति के पदाधिकारी प्राजंल चौहान ने बताया है कि दमोह स्टेशन पर जब जब कोई वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे तो समिति द्वारा लिखित व मौखिक रूप से समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसकी वजह से यात्रियों को खतरा बना रहता है। वर्जन फुट ब्रिज का प्रस्ताव में कार्यकाल में नहीं गया है, पूर्व में भेजा गया होगा, लेकिन अभी फुट ब्रिज अंडर लिमिट में है। जेएस मीना, स्टेशन प्रबंधक