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पूर्व खाद्य अधिकारी को रिश्वत लेने पर मिली जेल, न्यायाधीश ने सुनाई ये सजा

locationदमोहPublished: Jul 13, 2018 10:39:39 am

Submitted by:

lamikant tiwari

न्यायाधीश उपेंद्र प्रताप सिंह ने सुनाई सजा

cbi court

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दमोह. न्यायाधीश उपेन्द्र प्रताप सिंह की अदालत से सुनाए गए फैसले के बाद पूर्व खाद्य अधिकारी को चार साल के लिए जेल भेज दिया। रिश्वत कांड में पकड़ा गया था। आरोपी एक दुकान आवंटन करने के लिए 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगे जाने के बाद 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। आरोपी जिसमें सागर लोकायुक्त ने की थी कार्रवाई। रंगे हाथों किया था गिरफ्तार उसके बाद सुनवाई के दौरान भले ही इनता वक्त निकल गया कि वह सेवानिवृत्त हो गया हो। लेकिन फैसला सत्यमेव जयते की तरह सुनाया गया। फैसला सुनाए जाने के दौरान भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही। उधर पूर्व खाद्य अधिकारी की ओर से उसके परिजन व परिचित भी बड़ी तादाद में पहुंचे थे। भारी भीड़ के बीच जैसे ही सजा सुनाई गई तो सारे लोग सन्न रह गए।
न्यायाधीश उपेन्द्र प्रताप सिंह ने रिश्वत के मामले में दमोह के पूर्व खाद्य अधिकारी को चार साल की सजा सुनाई। बताया गया है कि पूर्व खाद्य अधिकारी अशोक कुमार जैन निवासी गंज बासौदा को भष्टाचार के मामले में दोषी पाते हुए 4 साल की कठोर कारावास की सजा से दंडित कर जेल भेजा गया। आरोपी ने पीडि़त तीरथ पटैल से उचित मूल्य की दुकान आवंटित करने के लिए 13 मई 2014 को 30 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस सागर ने पकड़ा था। जिसे दोषी पाया है। बताया गया है कि वर्तमान में आरोपी खाद्य अधिकारी वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुका है। जिसे जेल भेजा गया।
गौरतलब है कि जिले में रिश्वत कांड के लगातार मामले को लेकर संभाग में सबसे अधिक अधिकारी रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद दमोह में सभी प्रमुख अधिकारियों की नजर रहती है। लोकायुक्त टीम स्वयं यह बात कह चुकी है कि दमोह में सबसे अधिक कार्रवाई करने का उन्हें मौका मिलता है। खास बात यह है कि अभी तक रिश्वत कांड में पकड़े गए आरोपियों में दो प्रतिशत लोग ही ऐसे रहे होंगे जो बाइज्जत बरी हुए होंगे। शेष सभी को सजाएं ही हुई हैं। हालांकि अभी करीब दो दर्जन से अधिक मामले रिश्वत कांड के शेष हैं। जिनके फैसले का इंतजार लोगों को है।
जागरुक हो चुके हैं लोग-
दमोह जिले में सबसे अधिक लोकायुक्त की कार्रवाई होने को लेकर कानून के जानकारों का मामना है कि लोग काफी जागरुक हो चुके हैं। अब किसी से रिश्वत मांगना आसान नहीं है। क्योंकि कौन कब किस परिस्थियों में कार्रवाई करा दे यह समझ पाना मुश्किल है। इसलिए लोगों से रिश्वत मांगने के मामलों में भी काफी कमी आती जा रही है।

 

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