मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों व पुुलिस के अनुसार बालिका लोको में स्थित रेलवे के बारातघर ‘जलसा’ के पोर्च में पड़ी हुई थी। वहीं मासूम के गुप्तांग से ब्लीडिंग होना बताई गई है। लोगों ने मासूम को मौके पर सुबह करीब 06 बजे देख लिया था और इसकी सूचना पुलिस को दे दी थी। पुलिस द्वारा मासूम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले में तहकीकात कर रहे सिटी कोतवाली टीआई अरविंद सिंह दांगी का कहना है कि अभी मासूम की पहचान नहीं हो सकी है। यह जानकारी पुलिस नहीं जुटा पाई थी कि बालिका कौन है और यह मौके पर कैसे पहुंची। पुलिस के अधिकारी बालिका के उपचार की बात तो कह रहे हैं, लेकिन वह यह पता लगाने में अभी तक नाकाम है कि बालिका को इस स्थिति तक किसके द्वारा पहुंचाया गया है। मासूम के चहरे, हाथों पर चोट के निशान नजर आ रहे थे।
इस मामले में अभी पुलिस के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन अधिकारियों के चहरों की अनुभूति से जाहिर हो रहा है कि यह मामला गैंगरेप से भी जुड़ा हो सकता है। साथ ही मासूम के चोटों के निशान इस बात को भी उजागर कर रहे हैं कि घटना के मासूम वह किन परस्थितियों से गुजरी होगी। मासूम को जिला अस्पताल पहुंचाए जाने के बाद पुलिस के आलाधिकारी लोको वार्ड पहुंचे और उन्होंने स्थानीय लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही मासूम का उपचार करने में महिला डॉक्टरों की टीम लगी हुई है।