दमोहPublished: Jun 01, 2020 03:44:54 pm
Sanket Shrivastava
सूख रहे जंगली जलस्रोत, वन्यप्राणियों की प्यास बुझाने किया जा रहा पानी का परिवहन
Water crisis deepens in Eastern Railway Colony
मडिय़ादो. पन्ना टाइगर रिजर्व में इन दिनों वन्यजीवों की प्यास बुझानेे पार्क प्रबंधन को कई स्थानों पर पानी की व्यवस्था करना पड़ रही है, ताकि वन्यप्राणी पानी की तलाश में भटक कर रहवासी इलाकों की ओर न निकलें। अक्सर ऐसा होता है कि प्यास बुझाने कई बार वन्यप्राणी जंगलों से निकलकर गावों की ओर पहुंच जाते हैं और जो उन्हें जानलेवा बन जाता है। ऐसा न हो इसके लिए वन विभाग लगातार जंगलों में पानी की व्यवस्था कर रहा है, जो वन्यप्राणियों के लिए राहत की बात है।
गर्मियों के मौसम में किशनगढ़ कोर की बीट नरोली, ब्रजपुरा सुकवाहा घाटी, गाड़ीघाट आदि स्थानों पर वन्यप्राणियों के लिए कहीं वन कर्मी हैंडपंप से पानी निकाल कर जंगल की टैंकों में भर रहे हैं, तो कहीं वाहन से पानी ले जाकर पानी की व्यवस्था की जा रही।
बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ कोर संवेदनशील जंगल है। यहां बाघों से लेकर चूहे तक देखने मिल जाते हैं। यहां के वन परिक्षेत्र अधिकारी कैलाश वमनिया का कहना है कोर एरिया में बाघ मौजूद हैं। अभी पी 643 की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। इसके अलावा जंगल में बड़ी मात्रा में तेंदुआ, लकड़बग्घा, सियार, जंगली कुत्ते,भालू व शाकाहारी जानवरों में साभर, चीतल, हिरण, खरगोश चौसिंगा सहित पक्षियों में गिद्ध, मोर, तीतर सहित कई प्रजातियों के पक्षी मौजूद हैं। गर्मियों में जल संकट को देखते हुए हमारी टीम के द्वारा निरंतर चयनित स्थानों पर पानी की व्यवस्था की जा रही है। यहां जगलों में मानसून आने तक पानी की व्यवस्था करना पड़ती है।