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Gram Swaraj Yatra : महात्मा गांधी की कार्यांजलि आत्मसात करने की जरुरत- श्रीकृष्ण कुलकर्णी

locationदमोहPublished: Aug 20, 2019 12:37:15 pm

Submitted by:

Samved Jain

श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने कहा कि महात्मा गांधी के चिंतन और विचाराधारा आज तक किसी ने नहीं समझा है

Grandson on Mahatma Gandhi srikrishna Kulkarni on gram swaraj yatra

Gram Swaraj Yatra : महात्मा गांधी की कार्यांजलि आत्मसात करने की जरुरत- श्रीकृष्ण कुलकर्णी

दमोह. दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटेल की ग्राम स्वराज यात्रा में शामिल होने पहुंचे महात्मा गांधी के पर पोता श्रीकृष्ण कुलकर्णी ने कहा कि महात्मा गांधी के चिंतन और विचाराधारा आज तक किसी ने नहीं समझा है, महात्मा गांधी के पुतले बनाकर उन्हें भगवान बना दिया है। महात्मा गांधी को केवल श्रद्धांजलि देते वक्त याद किया जाता है। जरुरत उन्हें श्रद्धांजलि नहीं वरन उनके कार्य शैली यानि कार्यांजलि को आत्मसात करने की जरुरत है।
महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वास्तविक परिभाषा से अवगत नहीं कराया गया है। उन्होंने जितने भी आंदोलन व कदम उठाए वह समाज सुधार के लिए थे। उनकी अहिंसा केवल शारीरिक प्रताडऩा पर नहीं थी, उनका यह अहिंसा का संदेश इस पर था कि आपको जरुरत दो रोटी की है और आप खाते 10 है, यह भी हिंसा है, पहनने के लिए दो शर्ट जरूरी हैं और रखते 20 है यह भी हिंसा है। कुलकर्णी ने कहा कि महात्मा गांधी ने निस्वार्थ संघर्ष किए हैं। मुझे इस बात को कहने में कोई हिचक नहीं है कि वर्तमान में नरेंद्र मोदी भी निस्वार्थ भाव से संघर्ष कर रहे हैं, उनका स्वच्छता अभियान निस्वार्थ है। क्योंकि प्रकृति कभी गंदी नहीं होती है उसे गंदा मानव करता है, जब वह गंदा करता है तो उसे साफ भी करना होगा।
महात्मा गांधी ने भी यही संदेश दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यही संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी निस्वार्थ संघर्ष कर रहे हैं, उनका स्वच्छता अभियान निस्वार्थ और सामाजिक हितार्थ है। कुलकर्णी ने कहा महात्मा गांधी ने अपने पूरे जीवनकाल में अन्याय का विरोध किया है, अन्याय करने वाले के विरोधी कभी नहीं रहे हैं। वह मानते थे कि अन्यायी व्यक्ति को सजा देने का काम उनका नहीं है। यह महात्मा गांधी का चिंतन था, जिसे आत्मसात करने की जरुरत है न कि उनके पुतले के समक्ष श्रद्धांजलि देने की।

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