script

दमोह की 12 लाख से अधिक आबादी का स्वास्थ्य 44 डॉक्टर्स के भरोसे

locationदमोहPublished: Nov 11, 2019 07:38:53 pm

Submitted by:

pushpendra tiwari

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे जिले के स्वास्थ्य केंद्र, मरीजों को समय से नहीं मिल रहा उपचार

दमोह की 12 लाख से अधिक आबादी का स्वास्थ्य 44 डॉक्टर्स के भरोसे

मरीजों की संख्या अधिक

दमोह. जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी मरीजों के इलाज पर भारी पड़ रही है। यही कारण है कि जिला अस्पताल में उन मरीजों की संख्या अधिक रहती है जो जिले के स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर किए जाते हैं। जबकि जिला अस्पताल भी डॉक्टरों की कमी की वजह से जूझ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में शामिल, हटा सिविल अस्पताल, पटेरा, बटियागढ़, तेंदूखेड़ा, जबेरा, पथरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी वर्षों से बनी हुई है। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उपस्वास्थ्य केंद्र एएनएम के भरोसे चल रहे हैं। वहीं सर्रा स्वास्थ्य केंद्र जिले का ऐसा स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां वर्षों से डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हुई है। जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या रोजाना सैकड़ों में रहती है। अस्पताल आरएमओ डॉ. दिवाकर पटेल के अनुसार औसतन ८०० से अधिक मरीज अपनी जांच कराने के लिए जिला अस्पताल प्रतिदिन आते हैं। इसके साथ ही केंद्रों से रेफर होकर जिला अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या भी अधिक है।
आरएमओ डॉ. पटेल ने बताया कि जिला अस्पताल के लिए 60 डॉक्टर्स के पद स्वीकृत हैं। जिसके विरुद्ध २७ डॉक्टर्स अपनी सेवाएं वर्तमान में दे रहे हैं। यहां पदस्थ एक डॉक्टर अपनी क्षमता से दो गुना अधिक मरीजों की जांच कर रहा है।
वहीं जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उप स्वास्थ्य केंद्रों की बात की जाए तो यहां भी कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर विहीन हैं। साथ ही अधिकांश केंद्रों में महज एक डॉक्टर पदस्थ है। सीएमएचओ कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक एलएन जडिय़ा से मिली जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर्स के 44 पद स्वीकृत हैं। जबकि इसके विरुद्ध 17 डॉक्टर्स कार्यरत हैं। उन्होंने बताया है कि उप स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचने वाले मरीजों की प्राथमिक जांच एएनएम के भरोसे हैं।
नए १० डॉक्टर्स मिले लेकिन जिला अस्पताल को एक भी नहीं
बताया गया है कि हाल ही में १० नए डॉक्टर्स जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के लिए शासन से प्राप्त हुए हैं। एलएन जडिय़ा ने बताया है कि नए डॉक्टर्स में 02 डॉक्टर बटियागढ़ केंद्र, 01 रोंड, 01 जबेरा, 01 हिनौता, ०१ इमलियाघाट, 01 जेरठ, 01 सदगुवां, 01 तेजगढ़ केंद्र व 01 डॉक्टर को कुंडलपुर स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टिंग की गई है। हालंाकि अभी तक एक भी नए डॉक्टर ने अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी है। वहीं जिला अस्पताल की बात करें तो यहां हाल ही में ०४ डॉक्टर्स की जगह खाली हुई है। लेकिन शासन से जिले को मिले १० डॉक्टर्स में से एक भी डॉक्टर जिला अस्पताल को नहीं मिला।
जिले भर में विशेषज्ञ 10 प्रतिशत भी नहीं
जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में व जिला अस्पताल में विशेषज्ञों की संख्या न के बराबर है। जिला अस्पताल में 33 विशेषज्ञों के पद वर्षों से खाली पड़े हैं। जबकि यहां कार्यरत एक दर्जन से अधिक डॉक्टर्स के पास वर्षों का अनुभव है लेकिन विभागीय कार्रवाई पूरी नहीं होने के कारण यह मेडिकल ऑफीसर के पद पर ही सेवाएं दे रहे हैं। यही प्रमुख कारण है कि मेडिकल ऑफीसर के पद खाली नहीं होने के कारण जिला अस्पताल को एक भी नया डॉक्टर नहीं मिल सका है। वहीं जिले के 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए विशेषज्ञों की बात करें तो 35 पद स्वीकृत हैं जबकि 07 क्लास वन के पद ही भरे जा सके हैं और 28 पद खाली पड़े हैं। कुल मिलाकर जिले में 10 प्रतिशत भी विशेषज्ञ नहीं हैं।
सर्रा स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर विहीन
जिले के तेंदूखेड़ा तहसील अंतर्गत आने वाले सर्रा गांव के स्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है। जबकि सर्रा स्वास्थ्य केंद्र के लिए तकरीबन 25 से अधिक गांव के मरीज पहुंचते हैं। यहां डॉक्टर नहीं होने की वजह से क्षेत्र के मरीजों को तेंदूखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है। इस केंद्र के लिए डॉक्टर की पूर्ति नई पदस्थापना से भी नहीं की गई है।
डॉक्टर्स की रूचि इसलिए हो रही कम
अस्पताल आरएमओ डॉ. दिवाकर पटेल ने बताया है कि जो डॉक्टर्स केंद्रों में व जिला अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं इन पर क्षमता से दो गुना अधिक भार है। मौसमी बीमारियों के दौरान जब मरीजों की ओपीडी में संख्या अधिक हो जाती है उस दौरान सेवारत डॉक्टर्स पर भार और अधिक बढ़ जाता है। इसके बाद भी आए दिन मरीजों के परिजनों से विवाद की स्थितियां निर्मित हो जातीं हैं। यही कारण है कि सरकारी नौकरी की तरफ डॉक्टर्स का रुझान कम होता जा रहा है। विदित हो कि कुछ डॉक्टर्स द्वारा हाल ही के कुछ समय के भीतर इस्तीफे देकर कार्य भी छोड़ दिया गया है।
वर्जन
अभी १० डॉक्टर्स नए मिले हैं जो स्वास्थ्य केंद्रों पर अपनी सेवाएं देंगे। मांग पूरी अभी नहीं हुई है। उम्मीद है कि शीघ्र ही और डॉक्टर के पद भरेंगे।
डॉ. आरके बजाज, सीएमएचओ

सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर्स की कमी पूरी करने के लिए प्रयास किए जा रहे हंै। परिणामस्वरूप नए डॉक्टर्स की भर्तियां हुईं हैं। जिला अस्पताल में भी डॉक्टर्स की पूर्ति कराई जाएगी।
राहुल सिंह, विधायक दमोह

ट्रेंडिंग वीडियो