भारी बारिश के चलते उड़द, मूंग, अरहर और तिली की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गई। किसान रामेश्वर नायक, रामसुमन्त मिश्रा, रामू बडोनिया, भरत साहू, खुशीराम साहू ने बताया कि फसल की यह स्थिति है कि यदि उसको काटना चाहें तो फ सल में इतना उत्पादन नहीं होगा कि फ सल काटने वाले का पैसा चुकाया जा सके। समीपी ग्राम पंचायत रमपुरा सरपंच रूपनारायण तिवारी, हल्का पटवारी देवेन्द्र पटैल राजस्व निरीक्षक शालिगराम पटैल, सचिव जागेश्वर नामदेव, ग्राम सेवक सीताराम पटैल के साथ ही किसानों ने खेतों में पहुंचकर फ सल देखी तो दंग रह गए।
पानी भरे खेतों में पौधों की जड़ें सड़ जाने के कारण फसलें पीली-काली पड़कर सूखना शुरू हो गई हैं। किसानों की उपस्थिति में ही पटवारी पटैल ने सर्वे की लिस्ट तैयार करना शुरू किया है। बरखेरा चैन सरपंच मायाराम पटैल, हरिगोविन्द पटैल ने बताया कि पिछले माह तक फसलें ठीक-ठाक थीं फ सलों में खरपतवार, कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया था। लेकिन अब लगातार हो रही बारिस ने फसलों को नष्ट कर दिया है। कौशलपुर के किसान कौशलकिशोर चौबे, रामभजन पटैल, गंगाराम पटैल, सुदामा पटैल, शोभाराम पटैल का कहना है कि अनेकों वर्षों से प्राकृतिक विपदा झेल रहे किसान अब इस स्थिति में पहुंच चुके हैं कि रवी की फसल की बोवनी करने के लिए, रहने का घर या खेती बेचना पड़ेगी तभी बोवनी संभव हो पायेगी।
इन गांव में भी फसल नष्ट हुई-
इसी प्रकार के हालात बरबसपुरा, बंधा, बिजवार, धरमपुरा, हिनमतपटी, पिपरिया, हरदुआनी, तालगांव, नयागांव के किसानों ने बताये। किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए यह भी कहा कि भारी बारिश के चलते जहां सभी फसलें नष्ट हो गईं। वहां इस पानी से अनेकों किसानों के रहने के आसियाने भी धराशायी हो गए और पानी की बदौलत वह मैंदान में आकर खड़े हो गए। किसानों का आरोप है कि शासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार का कोई सर्वे नहीं किया गया न ही मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने की कोई घोषणा की।
विगत वर्षों में प्राकृतिक आपदा आने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खेतों में पहुंचकर फ सलों का जायजा कर किसानों से यह कहते थे कि विपदा की इस घड़ी में मैं आपके साथ खड़ा हूं। किसानों का कहना है कि वर्तमान की कांग्रेस सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अभी तक किसानों की कोई खैर-खबर नहीं ली। कृषि पर निर्भर समूचे क्षेत्र के किसानों का आग्रह है कि कलेक्टर तरूण राठी व अनुविभागीय अधिकारी राकेश मरकाम को जानकारी दी है। फसलों का सर्वे भी किया जा रहा है। किसानों ने मांग की है। कि सभी किसानों को फसल बीमा की राशि के लिए बीमा कंपनी को निर्देशित करें जिससे किसानो को न्याय मिल सके।