दमोहPublished: Jul 14, 2019 12:41:39 am
Sanket Shrivastava
सुरक्षा में सेंध लगा रहे यह पदस्थ कर्मचारी
Illegal occupation and indiscriminate cutting of forest land
दमोह. जिले का प्रमुख वन परिक्षेत्र सिंग्रामपुर जो रानी दुर्गावती अभयारण्य के लिए जाना जाता है यहां वन भूमि पर जमकर अतिक्रमण होना और अंधाधुंध अवैध कटाई होना उजागर हुई है। इस वन परिक्षेत्र के चुरयाई व सुनवराह में सैकड़ों पेड़ों को कांट दिया गया और वन भूमि पर कब्जा कर खेती की जाने लगी है। इसके अलावा रैंज आफिस सिंग्रामपुर से सटकर भी व्यवसायिक कब्जे हाल ही में किए गए हैं। विदित हो कि सुनवराह में अवैध कटाई का मामला उजागर होने के बाद तीन कर्मचारियों को हालही में डीएफओ रिपुदमन भदौरिया द्वारा निलंबित किया गया था। लेकिन चुरयाई में हुए अवैध कब्जों को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो विभाग में चर्चाओं का विषय बनी हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंग्रामपुर वन परिक्षेत्र के आमघाट बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ-०८, पीएफ- १२ में कुछ माह के भीतर अवैध कब्जे होना सामने आए हैं। इसके अलावा इसी परिक्षेत्र अंतर्गत विजय सागर बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ-१०, भिनेनी वन बीट कक्ष क्रमांक ३०१ और सिंग्रामपुर पीएफ- ०३ इनमें जमकर अवैध कब्जा हाल ही के कुछ माह के भीतर हुआ है। बताया गया है कि बुंदेलखंड पैकेज के तहत नव निर्मित वॉटर टैंक के चारों तरफ लोगों ने कब्जा कर खेती करना शुरु कर दिया है। मौके पर वन भूमि को खेती करने काफी मात्रा में पेड़ कांटे गए और कंटे पेड़ अभी जहां तहां पड़े हुए हैं जिनकी जांच होने की बात कहने वाले अधिकारी अभी तक जांच नहीं कर पाए हैं।
सर्किल इंचार्ज ने मामला दबाया
जिन स्थानों पर अवैध कब्जे होने की शिकायत अधिकारियों तक पहुंची है यहां सर्किल इंचार्ज मुरारी ऊर्फ मनोज विश्वकर्मा द्वारा हो रहे अवैध कब्जे के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा अवैध कब्जों की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को भी नहीं दी गई। जो कब्जाधारियों के साथ मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है। वहीं चुरयारी में वन भूमि पर खेती करने वाले नव कब्जाधारियों ने इस बात भी खुलासा किया है कि वन विभाग के कुछ कर्मचारियों से यह बात तय हुई है कि खेती आने पर उपज का आधा हिस्सा देना होगा।
चुरयारी इलाके के यह हालात
परिक्षेत्र का चुरयारी इलाका जो आमघाट, भिनेनी व विजयसागर बीट का सेंटर है यहां कुछ दिनों पहले ही पेड़ों को कांटा गया है। यहां पर कुछ लोग खेती करने के वास्ते कब्जा कर अपने अस्थाई झोपड़े बनाकर भी रहने लगे हैं। इस इलाके में हुई कटाई के बाद काफी मात्रा में कटे पेड़ डले हुए हैं, जो कुछ दिनों पहले हुए कत्लेआम की कहानी बखान रहे हैं।