दमोह

जेल में अवैध वसूली व मारपीट का मामला उठा

अधिवक्ता संघ ने जिला जज को लिखा पत्र

दमोहJul 25, 2021 / 11:16 pm

Rajesh Kumar Pandey

Illegal recovery and assault case raised in jail

दमोह. जिला जेल में बंद होने वाले बंदियों के साथ मारपीट कर उनके घर से लाखों रुपए मंगवाए जाने के मामले का खुलासा अधिवक्ता संघ ने जिला व सत्र न्यायाधीश को लिखे पत्र के माध्यम से किया है। जिससे पता चला रहा है कि दमोह जिला जेल वसूली का अड्डा बन चुका है।
जिला अधिवक्ता संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश चौबे ने जिला जेल में मारपीट कर अवैध वसूली किए जाने का शिकायती पत्र जिला व सत्र न्यायाधीश को सौंपा है। इस पत्र के माध्यम से कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसमें उन्होंने बताया कि कई दिनों से अधिवक्ताओं के द्वारा अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों के समक्ष इस बात की शिकायत प्रस्तुत की जा रही है कि उनके पक्षकार जो न्यायिक अभिरक्षा जेल में हैं। उनके साथ जेल अधीक्षक विकास की शह पर अत्याधिक मारपीट की जाती है। पक्षकारों के परिजनों पर दबाव बनाकर लाखों रुपयों की वसूली की जा रही है। जब प्रशासनिक अधिकारी जेल में निरीक्षण करते हैं तो बंदियों से मारपीट व वसूली के संबंध में नहीं बताने का दबाव बनाया बनाया जाता है। जिससे जेल के अंदर की बात बाहर नहीं आ पाती है। जेल प्रशासन वसूली के पूर्व माहौल बनाने के लिए कुछ दिन पूर्व तक सजायाफ्ता आरोपी नासिर खान जेल के बंदियों को अलग कमरे में ले जाकर उनके हाथ बांधकर प्लास्टिक की पाइप से अत्यधिक मारपीट करता था। अवैध वसूली के लिए बंदियों के परिजनों पर दबाव बनाता था। 5 दिन पूर्व नासिर खान के रिहा हो जाने पर यह काम एक सजायाफ्ता आरोपी जित्तू अहिरवार निवासी सीतानगर के माध्यम से कराया जाने लगा है।
कार्यकारी अध्यक्ष चौबे ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जेल में अधिवक्ताओं से भी मुलाकात नहीं कराई जाती है। ताकि पक्षकारों की बात अधिवक्ताओं के माध्यम से न्यायालय तक न पहुंच सके। अगर इसी तरह कुछ दिन और चलता रहा व जेल प्रशासन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो जिला अधिवक्ता संघ अपनी सामान्य सभा में इस संबंध में कोई ठोस निर्णय लेगा। शिकायती पत्र सौंपते समय जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी सहित कई अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही।
पहले भी लग चुके गंभीर आरोप
जिला जेल में अवैध वसूली व मारपीट का यह पहला मामला नहीं है, इससे पूर्व भी जेल के अंदर पहुंचने वाले कैदियों के परिजनों से मोटी रकम अवैध वसूली के रूप में बुलवाई जाती रही है। जिसकी कई शिकायतें भी की गईं। लेकिन पूर्व शिकायतों की भी जांच नहीं की गई।
जांचें भी हैं लंबित
जिला जेल में दबंग बंदी जब चाहे अस्पताल रेफर हो जाते हैं। अस्पताल से दो से तीन दिन गायब रहते हैं। ऐसे ही एक मामले की जांच चल रही है, जिसमें एक बंद जबलपुर मेडिकल कॉलेज से 3 से 4 दिन तक गायब रहा था, जिसमें साथ गई गार्ड की संलिप्ता पाई गई है, लेकिन इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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