तेजगढ़ थाना प्रभारी सुधीरकुमार बेगी ने बताया है कि 18 नवंबर 2018 को डायल-100 तेजगढ़ को सूचना मिली थी कि ग्राम सिमरिया गांव में मुलु चक्रवर्ती के घर में एक बड़ा मगरमच्छ घुस गया है। जिससे लोग डरे सहमे हैं और कोई गंभीर घटना घटित होने की पूर्ण संभावना है। सूचना पर डायल हंड्रेड में तैनात कर्मचारी आरक्षक संतोष बंसल, आरक्षक राजेश ठाकुर, सैनिक महेंद्र नायक एवं पायलट श्याम रैकवार तत्काल ही मुलु चक्रवर्ती के घर पहुंचे। उन्होंने देखा कि वहां के लोग काफी डरे सहमे थे। फिर पुलिस कर्मचारियों द्वारा उस मगरमच्छ को मुलु चक्रवर्ती के घर से बाहर निकाला फिर तत्काल थाना प्रभारी सुधीर कुमार बेगी, आरक्षक गब्बर सिंह राजपूत मौके पर पहुंचे। जिन्होंने घटना की जानकारी से पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल, एएसपी विक्रम सिंह कुशवाहा, एसडीओपी तेंदूखेड़ा को अवगत कराया।
जिनके मार्गदर्शन के बाद पुलिस स्टॉफ के साथ जान जोखिम में डालकर मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर एक लकड़ी के सहारे पकड़ लिया। बताया गया है कि मगरमच्छ 5 फीट लंबा था। पुलिस ने उस घर में रह रहे लोगों की जान बचाते हुए अपने साथ पुलिस थाना ले गई। जिसे बाद में वनविभाग के सुपुर्द कर दिया गया। बताया गया है कि 3 माह पूर्व भी तेजगढ़ पुलिस नेअपनी जान जोखिम में डालकर ग्राम रोजाघाट मे एक बड़ा मगरमच्छ पकड़ा था। वहां भी एक आदिवासी परिवार के सदस्यों की जान बचाई थी। पुलिस के इस कार्य की पूरे क्षेत्र वासियों ने प्रशंसा की है। मगरमच्छ को पकड़ते समय पुलिस कर्मचारियों को भी चोटें आई हैं। जिनका इलाज तेंदूखेड़ा अस्पताल में कराया गया और मगरमच्छ को सही सलामत वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है। जो वन विभाग की टीम ने उसे सुरक्षित व्यारमा नदी में छोड़ दिया। लोगों का कहना था कि यदि थाना प्रभारी स्टॉफ के साथ समय पर नहीं आते तो मगरमच्छ कई लोगों को जख्मी कर सकता था। जिसमें किसी की जान भी जा सकती थी।
जिनके मार्गदर्शन के बाद पुलिस स्टॉफ के साथ जान जोखिम में डालकर मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर एक लकड़ी के सहारे पकड़ लिया। बताया गया है कि मगरमच्छ 5 फीट लंबा था। पुलिस ने उस घर में रह रहे लोगों की जान बचाते हुए अपने साथ पुलिस थाना ले गई। जिसे बाद में वनविभाग के सुपुर्द कर दिया गया। बताया गया है कि 3 माह पूर्व भी तेजगढ़ पुलिस नेअपनी जान जोखिम में डालकर ग्राम रोजाघाट मे एक बड़ा मगरमच्छ पकड़ा था। वहां भी एक आदिवासी परिवार के सदस्यों की जान बचाई थी। पुलिस के इस कार्य की पूरे क्षेत्र वासियों ने प्रशंसा की है। मगरमच्छ को पकड़ते समय पुलिस कर्मचारियों को भी चोटें आई हैं। जिनका इलाज तेंदूखेड़ा अस्पताल में कराया गया और मगरमच्छ को सही सलामत वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है। जो वन विभाग की टीम ने उसे सुरक्षित व्यारमा नदी में छोड़ दिया। लोगों का कहना था कि यदि थाना प्रभारी स्टॉफ के साथ समय पर नहीं आते तो मगरमच्छ कई लोगों को जख्मी कर सकता था। जिसमें किसी की जान भी जा सकती थी।