इस समाज के लोग काफी मेहनती माने जाते हैं, पुरूषों की तरह इनकी महिलाएं भी काफी मेहनती कार्य करतीं हैं । वहीं इन पर मौसम का भी कोई खास असर नहीं होता है ।
भाषा का अच्छा खासा ज्ञान
इस समाज मे लोग बहुत ही कम शिक्षित होना बताए गए हैं । लेकिन इन्हें कई भाषाओं का खासा ज्ञान होता है । ये हर भाषा को जल्द ही समझ लेते हैं, इनकी भी एक अलग अपनी बोली रहती है । इनका ठिकाना एक जगह बहुत ही कम समय के लिए होता है, ये एक गांव से दूसरे गांव पैदल ही चलते हैं । इनकी जीवन शैली में आज भी गाय, बैल बेंचना, औजारों का निर्माण करना होता है ।
प्राचीन औजारों का निर्माण
लोहरगडिय़ा नाम से विख्यात इस संप्रदाय के लोग खासतौर पर लोहे के कृषि संबंधी व घरेलू औजारों की बिक्री करते हैं। इनके द्वारा प्राचीन कला को दर्शाने वाले औजारों का निर्माण किया जाता है। इनके बनाए औजार देखने में काफी आकर्षक व मजबूत होते हैं।
महिलाओं के अलग अंदाज
इस समुदाय की महिलाओं का रहन सहन भी आम महिलाओं से काफी हटके रहता है। समुदाय की महिलाओं का विशेष पहनावा, विशेष प्रकार का श्रंगार, शरीर पर खास आकार टेटू बनाए रहना इन महिलाओं को खास बनाती है।