मौके पर पहुंचकर किया निरीक्षण
जांच दल सबसे पहले गौशाला पहुंचा और यहां मौजूद गौवंश के रखरखाव संबंधी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके बाद दल सदस्य उस स्थल पर पहुंचे जहां पर गौशाला के मृत जानवरों के शवों को फिंकवाया जा रहा था। इसके बाद जांच दल ने उस स्थान का भी मुआयना किया जहां पर शवों को पेड़ों पर टांगने की बात सामने आई थी। यहां पहुंचने के बाद अधिकारियों ने मौजूद लोगों व स्थानीय लोगों से पूछताछ की।
बनाया जाएगा समाधि स्थल
गौशाला प्रबंधन को जांच दल ने मृत जानवरों के शवों के विनिष्टीकरण के लिए गौशाला में ही गौ समाधि स्थल बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि प्रबंधन गौ समाधि स्थल अंयत्र स्थान पर बनाए जाने की बात दल से कही थी और उक्त स्थान का मुआयना भी कराया था, लेकिन इस स्थल को अधिकारियों ने सही नहीं समझा और भूमि को पथरीली होने की बात कही, अधिकारियों ने गौशाला में ही एक स्थान का चयन किया जहां पर समाधि स्थल बनाए जाने का कार्य शुरू करने की बात गौशाला प्रबंधन के अध्यक्ष संजय जैन से कही है।
यह होगा उपयोग
उपसंचालक डीआर विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि गौशाला में गौ समाधि स्थल बनाया जाएगा और इस स्थल पर जिन मृत गाय बछड़ों को दफन किया जाएगा उस स्थल से आर्गेनिक खाद्य तैयार की जाएगी जिसका उपयोग पेड़ पौधों के विकास में किया जाएगा।
जांच दल पहुंचने के पहले बदल दी गई स्थिति
दरअसल यह जांच दल पत्रिका द्वारा १२ मार्च को जब यह मामला उजागर किया गया कि गौशाला के मृत मवेशियों के शवों को नगर से सटे इलाके में फिकवाया जा रहा है, वहीं इस बात का खुलाया भी किया गया था कि मृत गाय बछड़ों के शवों को पेड़ से टांग दिया जाता है। यह मामला प्रकाशित होने के बाद दूसरे दिन कलेक्ट्रेट में आयोजित गौ संवर्धन समिति की बैठक का प्रमुख मुद्दा बन गया था जिसमें बैठक में मौजूद तेंदूखेड़ा गौशाला के अध्यक्ष से समिति द्वारा सार्वजनिक रूप से जबाव मांगा गया। १३ मार्च को जिस स्थल पर मृत मवेशियों के काफी संख्या में शव पड़े हुए थे उन्हें व पेड़ों पर टंगे शव रूपी कंकालों को आनन-फानन में हटा दिया गया। बुधवार को जब इन स्थलों का निरीक्षण करने के लिए जांच दल पहुंचा तो मृत मवेशियों के शव पड़े नहीं मिले। हालांकि बुधवार को इस तथ्य का प्रकाशन पत्रिका में कर दिया गया था कि मौके से मृत शवों और कंकालों को हटा दिया गया है।
अब रहेगा जीवित व मृत मवेशियों का रिकार्ड
जांच दल ने पत्रिका को बताया है कि गौशाला प्रबंधन को निर्देशित कर दिया गया है कि गौशाला में जीवित व समय समय पर मृत होने वाले मवेशियों का रिकार्ड विधिवत रहना चाहिए। अधिकारियों द्वारा निर्देशित किए गए इस तथ्य से यह बात भी सामने आ गई कि अब तक गौशाला में मृत मवेशियों का रिकार्ड दुरस्त नहीं रखा जा रहा था।
लोगों से की पूछताछ में सामने आई सच्चाई
जांच दल ने मौका निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों से भी बात की गई थी। जांच दल के अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय लोगों ने उन्हें जानकारी दी है कि मृत मवेशियों के शवों को नगर से सटे क्षेत्र में फैंका जा रहा था जिससे आसपास का पर्यावरण दूषित हो गया था, उन्होंने अधिकारियों को यह भी जानकारी दी कि जांच से पहले मौके शव व कंकाल हटा दिए गए हैं।
जांच टीम द्वारा निरीक्षण किया गया है, गौशाला अध्यक्ष को विभिन्न तथ्यों पर निर्देश भी दिए गए हैं, आगे से गौशाला का जो मवेशी मृत होगा उसे गौशाला के भीतर ही समाधि स्थल में दफनाया जाएगा। आगे से रिकार्ड भी दुरस्त रखने के लिए निर्देश दिया गया है।
डॉ. डीआर विश्वकर्मा, उपसंचालक, पशु चिकित्सा विभाग