scriptमहिला मित्र के लिए छोड़ी साधना, 25 साल बाद संन्यास त्यागकर अपनाया गृहस्थ जीवन | Jain Muni gave up 25 years of sannyas now he will live household life | Patrika News

महिला मित्र के लिए छोड़ी साधना, 25 साल बाद संन्यास त्यागकर अपनाया गृहस्थ जीवन

locationदमोहPublished: Aug 25, 2021 05:25:43 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

महिला मित्र के साथ थाने पहुंचे जैन मुनि ने अपनाया गृहस्थ जीवन, आश्रम के आचार्य श्री पर महिला ने लगाया मारपीट का आरोप..
 

damoh.jpg

दमोह. बेलाग्राम जैन तीर्थस्थल में कई सालों से साधना कर रहे मुनि सुद्रांत सागर व इनकी महिला मित्र ने आश्रम में मौजूद आचार्यश्री पर मारपीट का आरोप लगाया है। यह मामला जिले के हिंडोरिया थाना में दर्ज हुआ जहां मुनिश्री ने 25 साल की साधना को त्यागते हुए गृहस्थ जीवन अपना लिया। बता दें कि मंगलवार की देर रात हिंडोरिया पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाने मुनि रहे सुद्रांत सागर व इनकी महिला मित्र पहुंचे थे। जिन्होंने अपने साथ हुई घटना की जानकारी पुलिस को दी थी। बाद में वह अपनी महिला मित्र परिजनों की मौजूदगी में एक साथ वाहन बैठकर निकल गए थे।

damoh_2.jpg

आचार्य श्री पर लगाया मारपीट का आरोप
घटना को लेकर सुद्रांत सागर ने पुलिस को बताया कि बेला ग्राम तीर्थ के आचार्यश्री सिद्धांत सागर महाराज ने मारपीट की है। मारपीट की वजह से जान बचाकर भागे ओर रास्ते में एम्बुलेंस से लिफ्ट ली और थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि आगरा निवासी परिचित महिला आश्रम आई हुई थी। मंगलवार शाम जब वह महिला बड़े मंदिर में थी तभी आचार्य सिद्धांत सागर महाराज ने उसके साथ मारपीट की। आचार्यश्री को रोकने का प्रयास किया, तो उन्होंने मेरे साथ भी मारपीट की और पिच्छी, कमंडल छीन लिया। आचार्य श्री ने आश्रम के लोगों से हम दोनों को मारने का कहा जिससे मैं जान बचाकर भाग आया। उन्होंने कहा कि आश्रम उक्त महिला से उनके संबंधों को गलत रूप में जोड़ा गया है। इधर मुनि की महिला मित्र का कहना है कि वह एक सप्ताह से आश्रम में है। आश्रम की माता और कुछ सेवक महिलाओ द्वारा प्रताड़ित किया गया और मुनिश्री से फोन पर बातचीत होने के कारण गलत संबंधों के आरोप लगाए गए। महिला ने आरोप लगाया कि सिद्धांत सागर महाराज ने उसके साथ मारपीट की है।

ये भी पढ़ें- सहेली ने दोस्तों से कराया छात्रा का गैंगरेप, बेसुध हालत में सड़क पर छोड़कर हुए फरार

25 साल का संन्यास त्यागा
सुद्रांत सागर ने करीब 25 साल पहले दीक्षा ली थी और वो तब से ही संन्यासी का जीवन जी रहे थे। सुंद्रात सागर ने आरोप लगाया कि आश्रम में महिला और मेरी बातचीत को गलत संबंधों के रूप में जोड़कर देखा जा रहा था। चूंकि अब बदनामी हो चुकी है, इसलिए गृहस्थ जीवन स्वीकार कर कपड़े पहनूंगा। महिला के साथ ही जीवन व्यतीत करूंगा। घोषणा के बाद सागर ने थाने में ही सामान्य कपड़े पहन लिए। इसके बाद प्रज्ञा के साथ रवाना हो गए।

देखें वीडियो-

https://www.dailymotion.com/embed/video/x83q26r
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो