दमोह के प्रधान आरक्षक संतोष तिवारी कहलाते हैं मप्र पुलिस के जेम्सबॉन्ड, जानिए क्यों
स्वयं के खूपिया तंत्र से सैकड़ों लापता लोगों को देश के कोने कोने से तलाश किया और अपनों तक पहुंचाया

पुष्पेंद्र तिवारी दमोह . इयान फ्लेमिंग द्वारा रचित जेम्स बॉन्ड का काल्पनिक कैरेक्टर पूरी दुनिया में मशहूर है। जो सिर्फ लेखक की एक कल्पना है। लेकिन सवाल उठता है कि असल जिंदगी में भी जेम्स बॉन्ड की तरह कोई हो सकता है। तो इसका जबाव है हां। इयान फ्लेंमिंग के काल्पनिक किरदार में जेम्स बॉन्ड एक खतरनाक जासूस रहा है। वहीं दमोह पुलिस का एक प्रधान आरक्षक जासूस तो नहीं है। लेकिन जो काम वह कर रहा है, वो जासूसी से भी कम नहीं आंका जा सकता।
यहां बात हो रही है दमोह सिटी कोतवाली के प्रधान आरक्षक संतोष तिवारी की। जिन्होंने सैकड़ों लापता लोगों को अकेले ही खोज निकाला है। इसी के चलते तिवारी को मध्य प्रदेश पुलिस का जेम्स बॉन्ड कहा जा रहा है। संतोष तिवारी ने पिछले आठ महीने में सवा सौ गुमशुदा लोगों को देश के कोने कोने से तलाश कर अपनों से मिला कर उनकी खुशी लौटा दी। जब पुलिस गुमशुदाओं को तलाश करके थक हार गई, तो संतोष तिवारी को याद किया गया और इन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता व लगन से कुछ वक्त में ही गुमशुदाओं को तलाश निकाला। धीरे-धीरे ऐसे मामले संतोष तिवारी को सौंपे जाने लगे और इनकी लगन व दक्षता ऐसी कि हर बार ये अपने कार्य पर खरे उतरे। नतीजा ये रहा कि पिछले आठ माह में तिवारी ने बिना किसी अतिरिक्त सहायता के अकेले ही पड़ताल करके सवा सौ से ज्यादा गुमशुदा लोगों को तलाश लिया। इतना ही नहीं दर्जनों नाबालिगों के अपहरण के मामले भी संतोष तिवारी ने बड़ी आसानी से निपटाए। इनको कई मामले ऐसे भी सौंपे गए जिनमें बड़े-बड़े विवाद बनने ही वाले थे कि संतोष ने उन्हें शांति पूर्वक निपटाया।
ऐसा ही एक मामला हाल ही के एक सप्ताह पहले का है। नोहटा थाना अंतर्गत से युवक युवती ने भागकर शादी कर ली। दोनों को तिवारी ने खोज निकाला और जब दोनों के परिजनों को शादी का पता चला तो विवाद की स्थिति बनने लगी। लेकिन मामला संतोष के हाथ में था तो विवाद कहां बनने वाला। तुरंत ही विवाद खत्म कराकर सुलह कराई। ये एक मामला नहीं जब विवाद निपटाया हो। ऐसे कई मामले में संतोष ने आसानी से विवाद सुलझाए। इन्हीं विशेष उपलब्धियों के चलते संतोष तिवारी दमोह पुलिस के वास्तविक जेम्स बॉन्ड बन उभरे।
दमोह पुलिस को अपने जेम्सबॉन्ड पर गर्व, सम्मान का प्रयास
सिटी कोतवाली के प्रधान आरक्षक संतोष शायद प्रदेश में अकेले पुलिस कर्मी होंगे, जिन्होंने बिना कोई पुलिस फोर्स या अन्य साधनों का उपयोग करके करीब 200 गुमशुदाओं को खोजा है। जिससे अब यह मिसाल बन गए हैं। पुलिस का काम आसान हुआ है। साथ ही लोगों को अपनों से मिलाने में आरक्षक महती भूमिका निभा रहे हैं। इसी उपलब्धि पर पुलिस को संतोष पर गर्व हो रहा है। पुलिस कप्तान हेमंत चौहान कहते हैं कि जिला पुलिस महकमे के प्रधान आरक्षक संतोष तिवारी को प्रदेश स्तर पर सम्मानित कराने के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखेंगे व जिला स्तर पर शीघ्र ही सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने संतोष तिवारी की अपने फर्ज के प्रति कर्तव्य निष्ठा और अक्लमंदी की जमकर तारीफ की।
वर्जन
प्रधान आरक्षक संतोष तिवारी वाकई एक मिशाल हैं। यह अपनी ड्यूटी भी अच्छी तरह से करते हैं। निश्चित ही यह सम्मान के पात्र हैं और इन्हें सम्मानित किया जाएगा।
हेमंत सिंह चौहान, एसपी
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