प्रत्यक्षदर्शियों का कहना तेंदूआ के द्वारा पहली बार किए गए हमले के संबंध में देवरान गांव निवासी भूपेंद्र परिहार ने बताया कि अशोक सिंह के खेत पर नंदू आदिवासी बर्सिंग काट रहा था कि तभी तेंदूआ ने आकर हमला किया। तेंदूआ को देखकर लोग भाग गए, लेकिन नंदू भागने में नाकाम हो गया और तेंदूआ ने उस पर झपट्टा मार दिया, जिससे नंदू के चहरे, गर्दन पर चोटें आईं हैं। ग्रामीणों ने तेंदूआ का मौके से भगाया तब जाकर नंदू अपनी जान बचा सका। इसके बाद हमले की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई। करीब आधा घंटे बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंची, तब तक तेंदूआ खेतों में ही छिपा बैठा रहा। इसके बाद जब तेंदूआ को दोबारा देखा गया।
निगरानी करने के दौरान हुए घायल दमोह वन मंडल के अधिकारी द्वारा तेंदूआ की मौजूदगी की जानकारी पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन को दी, जिससे तेंदूआ को पकड़ा जा सका। डीएफओ महेंद्र उइके ने अपनी एक टीम तेंदूआ की निगरानी को लगा दी। इस दौरान ग्रामीण भी तेंदूआ की निगरानी कर रहे थे कि अचानक तेंदूआ ने दो लोगों को पुन: घायल कर दिया। दोबारा हुए हमले में गांव के सुरेंद्र परिहार व अरविंद परिहार घायल हो गए, जिन्हें दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जिला अस्पताल लाया गया। फिलहाल तीनों घायल जिला अस्पताल में उपचाररत हैं।
टीम आने का इंतजार
डीएफओ महेंद्र उइके ने बताया है कि पन्ना टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू टीम को बुलवाया गया है। इस टीम का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही तेंदूआ की मौजूदगी स्थल के आसपास के लोगों से अपील की जा रही है कि वह अपने घरों के भीतर रहें।
डीएफओ महेंद्र उइके ने बताया है कि पन्ना टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू टीम को बुलवाया गया है। इस टीम का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही तेंदूआ की मौजूदगी स्थल के आसपास के लोगों से अपील की जा रही है कि वह अपने घरों के भीतर रहें।
२० किमी दूर नौरादेही अभयारण्य
तेंदूआ की मौजूदगी जिस गांव में है उससे करीब बीस किमी दूर से नौरादेही अभयारण्य शुरू हो जाता है। इससे यह कहा जा रहा है कि हमलावर तेंदूआ अभयारण्य से निकलकर देवरान पहुंचा। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि २५ जनवरी की रात एक तेंदूआ को पथरिया तहसील के आबूखेड़ी गांव में भी देखा गया था, यहां तेंदूआ ने ग्रामीणों पर हमला किया था, लेकिन कोई चोटिल नहीं हो सका था। इसलिए हमलावर तेंदूआ दमोह जिले के जंगलों का भी हो सकता है, क्योंकि दमोह जिले के जंगलों में भी तेंदूआ की खासी संख्या होना बताई गई है।
तेंदूआ की मौजूदगी जिस गांव में है उससे करीब बीस किमी दूर से नौरादेही अभयारण्य शुरू हो जाता है। इससे यह कहा जा रहा है कि हमलावर तेंदूआ अभयारण्य से निकलकर देवरान पहुंचा। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि २५ जनवरी की रात एक तेंदूआ को पथरिया तहसील के आबूखेड़ी गांव में भी देखा गया था, यहां तेंदूआ ने ग्रामीणों पर हमला किया था, लेकिन कोई चोटिल नहीं हो सका था। इसलिए हमलावर तेंदूआ दमोह जिले के जंगलों का भी हो सकता है, क्योंकि दमोह जिले के जंगलों में भी तेंदूआ की खासी संख्या होना बताई गई है।