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दमोह

पल्लेदार की पिटाई से दोपहर तक बंद रही तुलाई

मंडी गेट पर लगे रहे ताले, 4 घंटे जाम में फंसे रहे आम, चना उपार्जन केंद्र में दो दिन से फैली अव्यवस्था

दमोहMay 18, 2018 / 03:59 pm

Rajesh Kumar Pandey

Lock at mandi gate

Lock at mandi gate

तेंदूखेड़ा. गेहूं व चना उपार्जन केंद्रों में शांति के बाद तूफान आने की शुरुआत तेंदूखेड़ा उपार्जन केंद्र से बुधवार से हो गई, जिसका उबाल गुरुवार को उस समय आया जब एक पल्लेदार की पिटाई से हम्मालों ने तुलाई बंद कर दी और मंडी गेट पर ताला जड़ गए। स्थिति से निपटने के लिए पुलिसबल, प्रशासनिक अधिकारियों को मशक्त करनी पड़ी। लगातार चार घंटे जाम के कारण एसडीएम, तहसीलदार व पुलिस के वाहन फंसे रहे।
बुधवार की शाम कुछ किसानों और पल्लेदारों के बीच विवाद हुआ था। कुछ पल्लेदारों की पिटाई करते हुए किसानों ने तराजू भी तोड़े थे। इससे आक्रोशित पल्लेदारों ने गुरुवार की सुबह मंडी गेट पर ताला जड़ दिया। इधर किसानों को बारदाना न मिलने व तुलाई न होने से उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
हंगामे के पूर्व तहसीलदार मौके पर पहुंच गईं। किसानों की भीड़ बढ़ते हुए नए वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया। उधर पिटाई के विरोध में सुबह से ही मंडी में पल्लेदारों ने तुलाई शुरू नहीं की थी। वहीं मैसेज प्राप्त होने के बाद किसानों के वाहनों की कतारें मंडी गेट पर सुबह से ही लगना शुरू हो गईं थीं। मंडी में विवाद की जानकारी लगने पर दोपहर 12 बजे एसडीएम बृजेंद्र रावत मौके पर पहुंचे। उन्होंने निर्देश दिए तो बाहर खड़े वाहन मंडी में प्रवेश करने लगे जिससे एक बजे तक लगा जाम खुल गया। इसके बाद एसडीएम ने पल्लेदारों को समझाइश दी तब जाकर तुलाई शुरू हो सकी।
दस दिन से बैठे हैं भूख प्यासे नहीं हुई तुलाई
एसडीएम जब मंडी पहुंचे तो वहां नायब तहसीलदार नंदलाल, एसआई श्रीराम ठाकुर मौजूद थे। फिर भी तुलाई बंद थी और सड़कों पर जाम लगा हुआ था। उन्होंने तत्काल तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी व पुलिस बल के साथ तहसीलदार को बुलवाया। किसानों से चर्चा की तो किसानों ने कहा कि 10 दिन पहले तुलाई की, लेकिन किसानों से बात की। जिसके किसानों ने बताया कि उनकी तुलाई की पर्ची दस दिन पहले की है, लेकिन उनका अनाज आज तक नहीं तुला। जिससे वो परेशान हंै, न ही उनको मंडी से भोजन मिल रहा है। जिससे वे अपने तौल के लिए लाए चने को बाजार में बेचकर भोजन कर रहे हंै, जो मंडी में कैंटीन है उसमें केवल किसान को एक दिन भोजन मिलता है, शेष दिन उनको स्वयं खर्च करके खाना पड़ रहा ह।ै
पल्लेदारों की भी नहीं हो रही सुनवाई
वही मंडी में नियमित सेवाएं देने वाले पल्लेदार भी काम बंद करके हड़ताल पर बैठे देखे। उनकी मांग थी कि कल किसानों ने उनके साथियों के साथ जो मारपीट की है। उनके तराजू तोड़े हंै, उसकी भरपाई कौन करेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है, यदि वे किसी का कार्य न करें तो सभी नियम बताते हैं, लेकिन बुधवार को उनके साथियों के साथ किसानों ने मारपीट की तो उनकी किसी ने भी नहीं सुनी। इसलिए वे काम नहीं करेंगे। बारह बजे तक किसान अड़े रहे बाद में एसडीएम के आश्वान के बाद पल्लेदारों ने तुलाई चालू की।
सर्वेयर के कारण बिगड़ी व्यवस्थाएं
समर्थक मूल्य खरीदी केंद्र में बिगड़ी व्यवस्थाओं के संबंध में खरीदी केंद्र प्रभारी ने इसके लिए सर्वेयर को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने बताया की जब सोमवार को किसान ज्यादा मात्रा में आने लगे थे, तो उन्होंने सर्वेयर से कहा था कि अभी सभी किसानों का माल पास नहीं करना लेकिन सर्वेयर ने उनकी नही सुनी और सभी किसान अपना अनाज लेकर मंडी पहुंच गए और पहले तौल के चक्कर में विवाद की स्थिति बन गई।
अब बनाए जा रहे लाइसेंस
पल्लेदार तुलाई करने तैयार नहीं हुए तो मंडी सचिव राजेश भार्गव पल्लेदारों से बात करने पहुंचे और उनसे बात की। लेकिन पल्लेदार टोल करने तैयार नहीं हुए। तो सचिव ने उनको लालच देते हुए कहा आज सभी के लाइसेंस बनाए जाएंगे। पल्लेदारो ने जवाब में कहा तीन साल हो गए। आज तक तो लाइसेंस बने नहीं जबकि हम लोग तीन से चार बार जबेरा गए पहले बाबू ५०० रुपए मांगता है। पल्लेदारों का जवाब सुनकर सचिव भी चुपचाप लौट आए।
तहसीदार के आदेश में फंस गए एसडीएम
मंडी में व्यवस्थाएं बनी रहें इसके लिए तहसीलदार मोनिका बाघमारे ने बुधवार को किसी भी नए वाहन की एन्ट्री पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद आज सुबह से १२ बजे तक दर्जनों से भी ज्यादा वाहन सड़क के किनारे लगे रहे। जिससे खकरिया रोड पूर्ण रूप से बंद हो गया है। पुलिस भी वाहनों को हटाने पहुंची तो वह भी जाम में फंस गई बाद में सूचना मिलने पर एसडीएम मंडी पहुंचना चाहते थे, लेकिन जाम बड़ा होने के कारण उनको भी अपना वाहन छोड़कर पैदल मंडी के अंदर जाना पड़ा। बाद में एसडीएम के आदेश पर मंडी का गेट खोला गया।
झलकिया
1. सुबह 9 बजे से होने वाली तुलाई 1 बजे तक चालू नहीं हुई तो एसडीएम ने हम्मालों को फटकार लगाई तब काम शुरू हुआ।
2. एसडीएम जब 12:30 बजे दमोह से तेंदूखेड़ा पहुंचे उसके बाद तेंदूखेड़ा में निवासरत् टीआई आशाराम अहिरवार एसडीएम के पहुंचने के 10 मिनट बाद पहुंची तहसीलदार द्वारा नायब तहसीलदार नंदलाल सामरथ व टीआई द्वारा एसआई को मंडी भेज दिया गया। लगातार हालात बिगडऩे के बाद भी दोनों अधिकारी मंडी नही पहुंचे।
3. बुधवार की शाम तहसीलदार मोनिका बाघमारे ने निर्देश दिया था कि मंडी के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया जाए, ताकि कोई वाहन मंडी मे प्रवेश न हो पाए, उनके इस फरमान के बाद जाम लग गया। 4 घंटे किसान हैरान परेशान हो गए।
4. किसानों के द्वारा उपस्थित अधिकारियों से कहा गया कि मंडी में टोटल व्यापारियों के प्रवेश को निषेध कर दिया जाए। जिस पर एसडीएम ने मंडी कर्मचारियों को निर्देश दिया कि कोई भी व्यापारी मंडी में न दिखे ।
5. थाना प्रभारी के द्वारा मंडी गेट के बाहर लगे गेट के बाहर जाम की स्थिती को देखकर 100 डायल से उतरने के बाद लाठी चला दी। जिसके कारण 3 से 4 वाहनों के साइड ग्लास फूट गए। क्या करें किसानों की मजबूरी थी किसानो ने सोचा कि यदि बहस करते हैं, तो कोई बडी घटना घटित न हो जाए।
वर्जन
बुधवार को किसानों और हम्मालों के बीच जो विवाद हुआ था उसमें किसी ने आपत्ति या शिकायत नहीं की है। जो अव्यस्था फैली थी, उसको व्यवस्था में परिवर्तित कर दिया गया है। थाना प्रभारी ने मंडी गेट के बाहर वाहनों में तोडफ़ोड़ की है, उसकी जानकारी नहीं है।
बृजेंद्र रावत, एसडीएम, तेंदूखेड़ा

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