लोगों ने जैसे ही इस दल को देखा तत्काल ही इसकी सूचना प्रशासन को दी। उधर सूचना मिलने पर कलेक्टर तरूण राठी सहित अन्य प्रशासनिक अमला जिसमें शामिल डीएफओ विपिन पटेल, एसडीएम रविंद्र चौकसे, तहसीलदार बबीता राठौर व अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंच गए।
अधिकारियों ने तात्कालिक कार्ययोजना बनाकर टिड्डी दल को जिले से बाहर करने के लिए मशक्कत शुरू कर दी। करीब आधा घंटे के भीतर टिड्डो का प्रकोप कालापानी गांव, निमुआ पटी सहित आसपास के गांवों में नजर आने लगा। स्थिति यह थी कि पेड़ों पर पत्तों की जगह ट्डिडे ही दिखाई दे रहे थे।
इस दल ने सीधे खेतों में लगी मूंग, उड़द की फसल पर हमला किया और मिनटों में फसल को चौपट कर दिया। बता दें कि खबर लिखे जाने तक यह दल जिले की सीमा पर पहुंच गया था।
टिड्डों को खदेडऩे किए गए बेजा प्रयास मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा फायर बिग्रेड व फागिंग मशीनें मंगाई गईं और पानी व कीटनाशक दवाओं के मिश्रण का प्रेशर से छिड़काव कर इस दल को खदेडऩे का प्रयास किया। वहीं ग्रामीणों की मदद से बर्तन, झालर, शंख, वाहनों के हार्न, सायरन की ध्वनि से भगाने के प्रयास किए गए। ही ग्रामीणों ने भी खेतों से इन्हें भगाने के लिए भारी मशक्कत की। किसी ने धुआं किया तो किसी ने पटाके फोड़े, वाहनों से आवाज कर भगाने का प्रयास किया गया। तीन किलोमीटर में फैला था कृषि उपसंचालक आरएस शर्मा ने बताया है कि जिले में प्रवेश करने वाला टिड्डी दल तीन किमी में फैला था। इसे खदेडऩे के लिए गांवों के सैकड़ों लोगों ने प्रशासन के साथ मिलकर प्रयास किए। यह दल कालापानी, निमुआपटी, कनियाघाट पटी, बरखेड़ा, हटरी से होकर अभाना पहुंचा। यहां से यह जबेरा तहसील क्षेत्र में घुस गया। दल के पीछे प्रशासनिक अमला लगा रहा और जहां भी इस दल ने खेतों, पेड़ों पर रूकने का प्रयास किया तो इसे वहां से खदेड़ा गया। इस तरह इसे जिले की सीमा तक पहुंचाया गया। जिले के बाद यह जबलपुर या कटनी जिले में पहुंचेगा।
कभी नहीं सामने आया ऐसा मंजर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे प्रशासनिक अमले के सामने टिड्डी दल ने एक दिन की बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी थी। पूरा प्रशासनिक अमला इस दल को जिले से बाहर करने में लगा रहा। मौके पर मौजूद अधिकारियों व जिसने भी इन्हें देखा उनका कहना था कि इससे पहले कभी इस तरह की मंजर सामने नहीं आया। चारों तरफ सिर्फ अनगिनत टिड्डे ही दिखाई दे रहे थे। कृषि उपसंचालक आरएस शर्मा ने कहा कि यह दल सुबह के समय ही फसलों, पेड़ों पर हमला करता है। लेकिन इसके आने की जानकारी समय पर मिल गई और तुरंत प्रयास शुरू होने की वजह से भारी नुकसान होने से बचा लिया गया।