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दमोह

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में कम मतदान, कारण हैं रोचक

लोकसभा चुनाव दूसरा चरण कम मतदान का कारण, 2700 का फेर किसानों ने नहीं दिखाई मतदान में दिलचस्पी, नगरीय लोग भी कम निकले, मतदान प्रतिशत में गिरावट के बाद दोनों पार्टी प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ी, लाड़ली बहनें भी इस बार मतदान केंद्रों पर कम आईं नजर, 9 प्रतिशत कम मतदान

दमोहApr 28, 2024 / 07:34 pm

Samved Jain

दमोह. विधानसभा चुनाव में जब मतदान का प्रतिशत बढ़ा तब चर्चा थी कि किसानों और लाड़ली बहनों ने जमकर मतदान किया है, लेकिन लोकसभा चुनाव में धड़ाम हुए मतदान प्रतिशत के बाद एक बार फिर किसानों की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस बार किसानों का गुस्सा मतदान पर फूटकर निकलना माना जा रहा हैं।

नगरीय क्षेत्र में भी कम हुई वोटिंग

दरअसल, विस चुनाव के पहले भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों की धान 3100 और गेहूं 2700 एमएसपी में खरीदने का उल्लेख किया था। इसके परिणाम का लाभ भी विस चुनाव में भाजपा ने उठाया। लेकिन, इसके तत्काल बाद हुई धान खरीदी में किसानों की धान 3100 में नहीं खरीदी गई। ऐसे में किसानों की उम्मीद गेहूं खरीदी में बनी हुई थी और 2700 एमएसपी होने की उम्मीद थी, लेकिन खरीदी के एक महीने बाद भी एमएसपी नहीं बढ़ाया है। ऐसे में नाराज बैठे किसान खरीदी केंद्रों से तौबा तो कर ही रहे हैं, साथ ही इस बार मतदान केंद्रों पर भी वह कम ही पहुंचे हैं। यही वजह रही कि ग्रामीण क्षेत्रों में कम मतदान प्रतिशत सामने आया है।

नगरीय क्षेत्र में भी कम हुई वोटिंग

दमोह लोकसभा में दमोह शहर के अलावा हटा, बक्स्वाहा, देवरी, बंडा, रहली, गढ़ाकोटा, तेंदूखेड़ा, जबेरा, पथरिया, बड़ा मलहरा आदि नगरीय क्षेत्रों में भी कम मतदान होना बताया गया है। जबकि इन क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में अधिक मतदान हुआ है। जिसके कारण ही एवरेज 56 प्रतिशत मतदान संभव हो सका है। नगरीय क्षेत्र के लोग अधिक धूप, चुनाव प्रचार के दौरान उनके यहां प्रत्याशी के नहीं पहुंचने, चुनाव में पार्टी पदाधिकारियों की नीरसता को देखते हुए मतदान करने नहीं पहुंचे।

चुनाव को लेकर उत्साह की कमी भी एक कारण

पार्टियों द्वारा दो जिलों से दो प्रमुख प्रत्याशियों का चयन किया गया था। जिससे तीन जिलों में फैली दमोह लोकसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर उत्साह कम ही देखने मिला। प्रशासन द्वारा इसे पहले ही भांप लिया गया था और ऐन टाइम पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने तरह-तरह के इवेंट्स के आयोजन किए गए। लोग बताते है कि प्रशासन के इंवेंट्स नहीं होते तो 10 प्रतिशत और मतदान कम होता। इस बार किसी नेता या पार्टी की लहर भी मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सकी। दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव में सामने आए अप्रत्याशित नतीजों के बाद भी कई लोग मतदान करने नहीं पहुंचे। वह मशीन में गड़बड़ी की बात करते नजर आए।

80 प्रतिशत का टारगेट बनाया था प्रशासन

2019 में 65 प्रतिशत मतदान दमोह लोकसभा में हुआ था। ऐसे में इस बार प्रशासन ने 80 प्रतिशत मतदान के लिए टारगेट सेट किए थे। इसके लिए प्रयास भी बहुत किए गए, लेकिन 56.40 प्रतिशत मतदान ही हो सका। जो कि टारगेट से 23.60 प्रतिशत कम रहा। जबकि बीते लोकसभा चुनाव से 9 प्रतिशत से अधिक कम रहा। कम मतदान प्रतिशत से होने से दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ गई है।

यह भी रहे कम मतदान के प्रमुख कारण

  • – जिले भर के गांव-गांव में शादियों का होना।
  • – चिलचिलाती धूप में लोगों का घरों से न निकलना।
  • – प्रत्याशियों द्वारा डोर-टू-डोर प्रचार प्रसार नहीं करना।
  • – शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार-प्रसार सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित रहना।
  • – पार्टी पदाधिकारियों को प्रत्याशियों द्वारा प्रोत्साहित नहीं करना।
  • – मतदान के लिए लोगों से व्यक्तिगत अपील प्रत्याशियों द्वारा नहीं कर पाना।

लाड़ली बहनें भी इस बार मतदान केंद्रों पर कम आईं नजर, 9 प्रतिशत कम मतदान

दमोह. लोकसभा चुनाव मतदान में किसानों के अलावा लाड़ली बहनें भी इस बार मतदान केंद्रों पर कम ही नजर आई हैं। यही वजह है कि इस बार पुरुषों की अपेक्षा 9 प्रतिशत कम महिलाओं ने मतदान किया है। लोकसभा अंतर्गत आने वाली सभी 8 विधानसभाओं में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत कम रहा है। जबकि विधानसभा चुनाव में इतना अंतर महिला और पुरुष के बीच देखने नहीं मिला था। दमोह में 19 लाख 25 हजार 406 मतदताओं में से 10 लाख 85 हजार 888 कुल मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है। विधानसभा वार पुरूष व महिला मतदान के तहत देवरी में 58.45 प्रतिशत पुरूष, 47.51 प्रतिशत महिला, रहली में 56.54 प्रतिशत पुरूष व 44.17 प्रतिशत महिला, बंडा में 61.04 प्रतिशत पुरूष व 51.75 प्रतिशत महिला, मलहरा में 60.23 प्रतिशत पुरूष व 52.34 प्रतिशत महिला, पथरिया में 63.05 प्रतिशत पुरूष व 52.06 प्रतिशत महिला, दमोह में 61.93 प्रतिशत पुरूष व 53.88 प्रतिशत महिला, जबेरा में 61.68 प्रतिशत पुरूष व 55.14 प्रतिशत महिला और हटा में 63.99 प्रतिशत पुरूष व 55.61 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस तरह सभी आठ विधानसभाओं में 60.81 प्रतिशत पुरुष और 51.54 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया है। जो कि पुरुषों की अपेक्षा 9 प्रतिशत कम है।


कितने पुरुष- महिलाओं ने किया मतदान

  • विस पुरुष महिला
  • देवरी 66640 48865
  • रहली 72433 51416
  • बंडा 81103 60500
  • मलहरा 75307 57323
  • पथरिया 79042 59319
  • दमोह 79218 65095
  • जबेरा 77060 64015
  • हटा 82680 65872
  • कुल 613483 472405

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