scriptहवा हवाई साबित हो रही हवा से पानी बनाने वाली मशीन | Machine of Rs.15 lakhs for only 3 people | Patrika News

हवा हवाई साबित हो रही हवा से पानी बनाने वाली मशीन

locationदमोहPublished: Apr 24, 2019 10:08:24 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

15 लाख रुपए की मशीन केवल तीन लोगों के लिए

Machine of Rs.15 lakhs for only 3 people

Machine of Rs.15 lakhs for only 3 people

राजेश खरे. बम्हौरीमाला. हवा से पानी बनाने वाली मशीन की चर्चाएं पूरे जिले में थी। एक साल पहले दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटैल के प्रयासों से मशीन लगाई गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि डेढ़ हजार लीटर पानी 24 घंटे में बन जाएगा। बुधवार को पत्रिका ने जब हरदुआ मानगढ़ का भ्रमण किया तो पूरे दावे विपरीत नजर आए। यह मशीन ग्राम पंचायत भवन में कैद है, इसका टैंक एक कमरें में बंद है। शुद्ध आरओ वॉटर का उपयोग केवल तीन लोगों के द्वारा किया जा रहा है, शेष बोर से कुआं में आने वाले पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
हरदुआ मानगढ़ में ग्राम पंचायत भवन के पास पहुंचे तो मशीन गेट के अंदर बंद थी। वहां पर कोई नहीं मिला। इसके बाद जब हम आगे बढ़े तो हमारी मुलाकात गांव के बुजुर्ग रतिराम यादव से हुई, जिनसे पूछा की हवा से पानी वाली मशीन का पानी उपयोग करते हैं तो उन्होंने हकीकत बयां की। उनका कहना था कि जबसे मशीन लगी है, इसके पानी का उपयोग गांव के तीन लोग व उनके परिजन ही कर रहे हैं। जिनमें सरपंच के भाई लक्ष्मण सिंह, लट्टू रैकवार व खलक सिंह शामिल हैं। मशीन दिन भर बंद रखी जाती है, रात में चालू की जाती है, जिससे महज 700 लीटर पानी निकलता है, जिसका उपयोग तीनों व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। जब अधिकारियों का दौरा होता है, तब जरूर मशीन चालू कर दी जाती है, लेकिन इसका उपयोग सार्वजनिक न होकर व्यक्तिगत हो गया है। गांव में पानी की समस्या के लिए सरपंच दुर्जन सिंह ने गांव से डेढ़ किमी दूर अपने खेत गौड़हार में सरकारी बोर कराया है, जहां से पाइप लाइन से पानी तीन कुओं में लाया जाता है, जिसका उपयोग ग्रामीण कर रहे हैं। तीन हैंडपंप हैं, जिनमें से तलाहार वाला हैंडपंप बंद है। गांव के शेख रफीक कहते है कि शुद्ध आरओ का पानी किसी भी ग्रामीण के लिए नसीब नहीं हो रहा है। इसका कारण यह भी है लाइट 6 से 7 घंटे मिल रही है। गांव में सचिव नहीं रहते हैं, जिससे ग्रामीणों को पानी के अलावा अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
शौचालय आधे अधूरे
हरदुआ मानगढ़ के राघवेंद्र अहिरवार बताते हैं कि शौचालयों का उपयोग कंडा व लकड़ी के स्टोर रूम के रूप में किया जा रहा है। गांव श्याम रजक बताते हैं कि घटिया रूप से बनाए शौचालय अनुपयोगी साबित हो गए हैं, जिससे पूरा गांव खुले में शौच के लिए निर्भर है। इसका दूसरा कारण यह है कि यह गांव जलसमस्या ग्रस्त गांव है, जिससे पानी की कमी के कारण लोग शुष्क शौचालयों का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
पीएम आवास आधे अधूरे
करके गांव के निवासी अरविंद सिंह लोधी बताते हैं कि हरदुआ मानगढ़ ग्राम पंचायत में तीन गांव आते हैं जिनमें हरदुआ मानगढ़, करके व पीपरखिरिया गांव शामिल है। तीनों गांवों में प्रधानमंत्री आवास आधे-अधूरे पड़े हुए हैं, एक भी आवास कंपलीट नहीं हुआ है। कहीं छपाई नहीं हुई है तो कहीं पर अभी छत डलने का इंतजार और किसी की दीवाले ही खड़ी रह गई हैं और किस्तों का आवंटन नहीं किया गया है।
उज्जवला के सिलेंडर नहीं भरवाएं
हरदुआ मानगढ़ के पारस खरे बताते हैं कि ग्राम पंचायत के तीनों गांवों में उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन व सिलेंडर वितरित किए गए हैं, लेकिन 95 फीसदी लोगों ने पुन: सिलेंडर नहीं भरवाए हैं। उसका कारण यह है कि सिलेंडर भरवाने जबेरा व नोहटा जाना पड़ता है। जिन लोगों के पास बाइकें हैं वे तो सिलेंडर भरवा लेते हैं, लेकिन जो गरीब हैं और उनके पास बाइक नहीं है वह सिलेंडर इसलिए भी नहीं भरवा पाते हैं कि बस वाले सिलेंडर बसों में रखने नहीं देते हैं, जिससे गैस सिलेंडर खाली हैं, जब तक गांवों के नजदीक सप्लाई नहीं होगी तब तक उज्जवला योजना सफल नहीं हो सकती है।
शिक्षा व स्वास्थ्य की स्थिति खराब
हरदुआ में आठवीं, करके गांव में स्कूल नहीं है। पीपर खिरिया में पांचवी तक स्कूल है। जहां पर पदस्थ शिक्षक नियमित नहीं आते हैं। पत्रिका हरदुआ मानगढ़ मिडिल स्कूल पहुंची तो यहां पर पदस्थ 10 शिक्षकों में से एक अध्यापक गीता लोधी व एक अतिथि शिक्षक मनोहर खरे ही मिले। उप स्वास्थ्य केंद्र के बारे में जानकारी ली गई तो गांव के रामरतन ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र कभी नहीं खुलता है गांव के लोगों को बनवार, रौंड, नोहटा, जबेरा या दमोह ही जाना पड़ता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो