मानस भवन कॉम्प्लेक्स में दुकानों में बनी माचिस की गोदाम
बड़े ट्रकों को कराया जाता है खाली
दमोह
Published: January 23, 2022 09:20:46 pm
दमोह. शहर के नजदीक अस्पताल चौराहा के सामने नगर पालिका परिषद द्वारा बनाए गए मानस भवन से लगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी है, इस कॉम्प्लेक्स के बड़े हिस्से का उपयोग गोदामों व ट्रांसपोर्ट गोदामों के रूप में किया जा रहा है। इस सार्वजनिक स्थल पर माचिस जैसी विस्फोटक सामग्री का भंडारण भी किया जा रहा है, जो इस मार्केट की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो रही है।
मानस भवन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में माचिस गोदाम व ट्रांसपोर्ट गोदामों के रूप में उपयोग किए जाने की शिकायतें लगातार की जा रही थीं। रविवार को सीएमओ भैयालाल सिंह अपनी टीम के साथ यहां पहुंचे। जिन दुकानों में माचिस का भंडारण किया जा रहा था, उसके दुकानदार को दुकानें खाली कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने यहां आने वाले बड़े ट्रकों के बजाए छोटे वाहनों से परिवहन करने के लिए निर्देशित किया।
प्रभावशाली लिए दुकान नहीं दे रहे किराया
नगर पालिका सीएमओ भैयालाल सिंह ने बताया कि उन्हें यह जानकारी भी लगी है कि कई लोग दुकानों का आवंटन कराए हैं, जो स्वयं व्यवसाय न करते हुए किराए पर दुकानें दिए हैं। यह लोग किराया तो वसूल रहे हैं, लेकिन नगर पालिका परिषद का किराया और बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। ऐसे दुकानदारों को सूचीबद्ध किया जाएगा। यदि वह भुगतान नहीं कर रहे हैं तो उनकी दुकानों के पंजीयन को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
माचिस के भंडारण बड़ा खतरा
मानस भवन क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र है, यहां सार्वजनिक कार्यक्रम होते हैं, इसके बगल से बस्ती भी लगी है। यदि माचिस गोदामों में आग भड़कती है तो पूरा क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। इस खतरे की आशंका को देखते हुए यहां के कई व्यापारियों ने यहां बनी माचिस गोदाम की शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन नगर पालिका परिषद कार्रवाई नहीं कर रही थी, रविवार को सीएमओ ने भ्रमण कर तत्काल दुकानों से से माचिस का स्टॉक हटाए जाने के निर्देश दिए हैं।
छत की दुकानों का निर्माण शुरू नहीं
नगर पालिका परिषद द्वारा मानस भवन के ऊपरी हिस्से में छतों की टेंडर से नीलामी कर दी गई है, लेकिन तीन साल से अधिक समय व्यतीत हो गया है और लोगों से लाखों रुपए जमा करा लिए हैं, लेकिन न ही दुकानों का टेंडर निरस्त किया जा रहा है और न ही दुकानों का निर्माण शुरू किया गया है, जिससे जिन हितग्राहियों ने राशि जमा की थी, वे अधर में लटके हुए हैं।

Matchbox made in shops in Manas Bhawan Complex
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